Google I/O 2025 Hindi Keynote and Announcement

हाय दोस्तों! 😎 Google I/O 2025 आ चुका है और क्या कमाल की चीजें लेकर आया है! 20-21 मई, 2025 को हुई इस कॉन्फ्रेंस ने टेक्नोलॉजी की दुनिया में तहलका मचा दिया। Google के बॉस सुंदर पिचाई ने अपने स्पीच में “AI” को 134 बार और “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस” को एक बार बोला – यानी हर 30 सेकंड में AI का जिक्र! 🤯 मतलब, AI अब Google का दिल है। इस बार AI, स्मार्ट ग्लासेस, और डेवलपर्स के लिए ढेर सारे टूल्स की बात हुई। 100 से ज्यादा सेशन 22 मई से ऑनलाइन देख सकते हो। तो चलो, इस ब्लॉग में हम Google I/O 2025 के सारे धमाकेदार अपडेट्स को आसान हिंदी में समझते हैं।
ये ब्लॉग किसके लिए?
- टेक फैन: जो नई टेक्नोलॉजी का मज़ा लेना चाहते हैं।
- डेवलपर्स: जो नए टूल्स से ऐप्स बनाना चाहते हैं।
- बिजनेस वाले: जो AI और सर्च से अपने काम को बढ़ाना चाहते हैं।
- आम लोग: जो आसान भाषा में Google की नई चीजें समझना चाहते हैं।
I. मुख्य संबोधन और भविष्य की सोच (Keynote Address & Vision)
Google I/O 2025 की शुरुआत हमेशा की तरह सबसे खास भाषण से हुई, जहाँ Google के मुखिया, सुंदर पिचाई, ने मंच संभाला। इस बार, उनका संदेश साफ था: हम पूरी तरह से एक ऐसे दौर में आ गए हैं जहाँ AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) ही सब कुछ है। पिचाई ने समझाया कि कैसे AI अब सिर्फ एक तकनीक नहीं, बल्कि हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का खास हिस्सा बन चुका है, और Google इस बदलाव के बीच में है। उन्होंने बताया कि Google AI को लेकर कितना गंभीर है और भविष्य में वे क्या करना चाहते हैं।
इसके बाद, Google DeepMind की टीम ने एक ऐसी सोच दिखाई जहाँ AI हर जगह होगा। उन्होंने बताया कि कैसे AI सिर्फ कुछ खास काम तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि हर जगह, हर डिवाइस में आसानी से मिल जाएगा। इसका मतलब है कि आपका AI सहायक न केवल आपके सवालों के जवाब देगा, बल्कि आपके लिए मुश्किल काम भी करेगा, चाहे वह टिकट बुक करना हो, जानकारी खोजना हो या फिर रोज़ की योजनाएँ बनाना हो। उनकी सोच एक ऐसे AI की है जो इंसानों की मदद करेगा, न कि उनकी जगह लेगा।
और आखिर में, ‘रिसर्च से हकीकत तक: फासला मिटाना’ पर ज़ोर दिया गया। Google ने समझाया कि कैसे उनकी लैब में बन रही नई-नई AI तकनीकें अब सिर्फ कागज़ पर नहीं, बल्कि असली चीज़ों और सेवाओं में बदल रही हैं, जो हमारे हाथों में हैं। उन्होंने उन AI से चलने वाली नई चीजों को दिखाया जो हमारे काम करने, सीखने और बात करने के तरीके को बदल देंगी। यह सिर्फ एक घोषणा नहीं थी, बल्कि यह वादा था कि Google AI को हर किसी के लिए आसान और काम का बनाएगा।
II. AI में तरक्की (Artificial Intelligence (AI) Advancements)
Google I/O 2025 में AI की दुनिया में कई बड़ी तरक्की देखने को मिलीं। गूगल ने बताया कि उनका AI अब और भी स्मार्ट और मददगार बन गया है।
जेमिनी और AI मॉडल (Gemini & AI Models)
AI के क्षेत्र में Google का सबसे बड़ा नाम है जेमिनी (Gemini)। इस बार इसमें कई शानदार सुधार किए गए हैं:
जेमिनी 2.5: नए अपडेट और बेहतर सुविधाएँ (Gemini 2.5: Updates and Enhancements – Pro, Flash) जेमिनी का नया वर्जन, जेमिनी 2.5, और भी ताकतवर हो गया है। इसे दो खास वर्जनों में पेश किया गया है – Pro और Flash।
a. डीप थिंक मोड (Deep Think Mode – बेहतर सोच-समझ)
जेमिनी 2.5 प्रो में एक नया ‘डीप थिंक मोड’ जोड़ा गया है। इसका मतलब है कि AI अब किसी भी मुश्किल सवाल का जवाब देने से पहले कई अलग-अलग तरीकों से सोचता है। यह पहले से ज़्यादा गहराई से चीजों को समझ सकता है और सही नतीजे पर पहुँच सकता है, खासकर गणित या कोडिंग जैसे मुश्किल कामों में।
b. अपनी आवाज़ में बात करना और इंसानों जैसी बातें करना (Native Audio Output & Human-like Speech Generation)
अब जेमिनी अपनी खुद की आवाज़ में बातचीत कर सकता है। यह सिर्फ टेक्स्ट को पढ़कर सुनाता नहीं है, बल्कि इंसानों की तरह अलग-अलग अंदाज़ (टोन), लहजे (एक्सेंट) और बोलने के तरीके (स्टाइल) में बात कर सकता है। इससे AI के साथ बातचीत करना और भी स्वाभाविक लगता है, जैसे आप किसी इंसान से बात कर रहे हों।
c. बेहतर सोच-समझ, कई तरह की जानकारी समझना, कोडिंग और लंबी बातचीत याद रखना (Improved Reasoning, Multimodality, Code, and Long Context)
- जेमिनी 2.5 अब पहले से बेहतर तरीके से सोच-समझ सकता है।
- यह सिर्फ टेक्स्ट ही नहीं, बल्कि तस्वीरें, वीडियो और आवाज़ जैसी कई तरह की जानकारियों को एक साथ समझ सकता है (जिसे मल्टीमोडालिटी कहते हैं)।
- यह कोडिंग (कंप्यूटर प्रोग्राम लिखने) में भी बहुत माहिर हो गया है। यह कोड लिख सकता है, उसमें सुधार कर सकता है और गलती ढूंढ सकता है।
- और हाँ, यह लंबी बातचीत या ढेर सारी जानकारी को भी याद रख सकता है (लॉन्ग कॉन्टेक्स्ट), जिससे आप इससे घंटों तक बिना जानकारी भूले बातचीत कर सकते हैं।
Gemini Diffusion: Gemini Diffusion Google का नया AI मॉडल है, जो टेक्स्ट बनाने में बिजली की रफ्तार दिखाता है। ये पिछले मॉडल Gemini 2.0 Flash-Lite से 5 गुना तेज है! 😱 यानी, कोड लिखना हो, गणित के सवाल हल करने हों, या रियल-टाइम चैटबॉट बनाना हो – ये मॉडल रॉकेट की तरह काम करता है।
क्या है खास?
- 1479 टोकन प्रति सेकंड! यानी एक सेकंड में ढेर सारा टेक्स्ट तैयार।
- कोड या गणित में गड़बड़? ये खुद सुधार लेता है।
- एक बार में बड़े-बड़े टेक्स्ट ब्लॉक बनाता है, जो सुपर साफ और लॉजिकल होते हैं।
- HTML रीफैक्टरिंग या शेडर में वैरिएबल्स का नाम बदलना – सब चुटकियों में
Thinking Budgets: Thinking Budgets एक नया फीचर है, जो डेवलपर्स को बताता है कि AI कितना “सोचे” और कितना खर्च करे। यानी, तुम डिसाइड कर सकते हो कि AI कितना दिमाग लगाए और कितने टोकन (AI की “करेंसी”) यूज़ करे। ये Gemini 2.5 Flash में शुरू हो चुका है और जल्द Gemini 2.5 Pro में भी आएगा।
d. सोच का सारांश और डेवलपर्स के लिए सोचने का बजट (Thought Summaries and Thinking Budget for Developers)
- डेवलपर्स (जो AI पर काम करते हैं) के लिए, जेमिनी अब यह भी दिखाएगा कि उसने किसी जवाब तक पहुँचने के लिए कैसे सोचा। इसे ‘सोच का सारांश’ (Thought Summaries) कहते हैं। इससे वे समझ पाएंगे कि AI ने किस जानकारी का इस्तेमाल किया और किस तरह के स्टेप लिए।
- साथ ही, डेवलपर्स को ‘थिंकिंग बजट’ (Thinking Budget) भी मिलेगा। इसका मतलब है कि वे AI को बता सकते हैं कि किसी खास काम को पूरा करने के लिए उसे कितनी ‘सोचने की शक्ति’ या ‘गणकीय क्षमता’ का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे वे खर्च और परफॉरमेंस को बेहतर तरीके से मैनेज कर पाएंगे।
2. प्रोजेक्ट एस्ट्रा: हर जगह काम आने वाला AI सहायक का नया रूप (Project Astra: Universal AI Assistant Evolution)
Google ने ‘प्रोजेक्ट एस्ट्रा’ को और भी आगे बढ़ाया है। यह एक ऐसा AI सहायक है जो हर जगह आपकी मदद करेगा।
a. जेमिनी लाइव के साथ जुड़ाव (कैमरा और स्क्रीन शेयरिंग के साथ) (Integration with Gemini Live (Camera & Screen Sharing))
अब प्रोजेक्ट एस्ट्रा, जेमिनी लाइव के साथ पूरी तरह जुड़ गया है। इसका मतलब है कि आप AI से अपने कैमरे या स्क्रीन को शेयर करके भी बात कर सकते हैं। कल्पना कीजिए कि आप किसी नई चीज़ के बारे में जानना चाहते हैं, बस कैमरे से उसे दिखाइए और AI आपको तुरंत जानकारी दे देगा। या फिर, अपनी स्क्रीन पर कुछ दिखा रहे हैं और AI को उसी समय उस बारे में समझाना चाहते हैं – अब यह संभव है।
b. तुरंत देखकर मदद करना (Real-time Visual Assistance)
इस नए जुड़ाव से AI अब आपको ‘तुरंत देखकर मदद’ कर पाएगा। अगर आप किसी मशीन को ठीक कर रहे हैं और समझ नहीं आ रहा, तो बस कैमरा ऑन करें और AI आपको तुरंत बताएगा कि अगला कदम क्या होगा। यह बिल्कुल ऐसा है जैसे कोई जानकार व्यक्ति हर पल आपके साथ खड़ा हो और आपको गाइड कर रहा हो।
3. प्रोजेक्ट मैरिनर: अपने आप काम करने वाला AI (Project Mariner: Agentic AI for Automation)
Google ने एक और ज़बरदस्त प्रोजेक्ट पेश किया है: ‘प्रोजेक्ट मैरिनर’। यह एक ऐसा AI है जो आपके लिए कई कामों को अपने आप कर देगा।
a. ब्राउज़र पर आधारित AI जो खुद काम करता है (Browser-based Agentic AI)
प्रोजेक्ट मैरिनर ब्राउज़र पर काम करेगा। इसका मतलब है कि आपको किसी खास ऐप को डाउनलोड करने की ज़रूरत नहीं होगी। यह AI आपके वेब ब्राउज़र में ही रहकर आपके लिए काम करेगा, ठीक वैसे ही जैसे कोई वर्चुअल सहायक।
b. कई काम एक साथ संभालना (जैसे फ्लाइट बुक करना, रिसर्च करना) (Multi-task Handling (e.g., booking flights, research))
इस AI की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह एक साथ कई मुश्किल काम संभाल सकता है। उदाहरण के लिए, अगर आपको फ्लाइट टिकट बुक करना है, तो यह आपके लिए कई वेबसाइट्स पर जाकर सबसे अच्छी डील्स ढूंढेगा, आपकी पसंद के हिसाब से सीटें चुनेगा और बुकिंग की प्रक्रिया भी पूरी कर देगा। या फिर, अगर आपको किसी विषय पर रिसर्च करनी है, तो यह कई स्रोतों से जानकारी इकट्ठा करेगा, उन्हें व्यवस्थित करेगा और आपको एक तैयार रिपोर्ट दे देगा। यह AI सिर्फ एक काम नहीं, बल्कि कई सारे जटिल कामों को खुद-ब-खुद पूरा कर सकता है।
5. जेमिनी AI अब कारों, टीवी और हेडसेट में भी (Gemini AI Expands to Cars, TVs, Headsets)
जेमिनी AI अब सिर्फ़ आपके फ़ोन तक ही सीमित नहीं है। Google इसे कई और डिवाइस में ला रहा है ताकि यह आपके रोज़मर्रा के जीवन का और भी बड़ा हिस्सा बन सके।
- कारों में: अब आपकी कार में भी जेमिनी AI मिलेगा। इससे आप ड्राइविंग करते समय बिना हाथों का इस्तेमाल किए (hands-free) कई काम कर पाएंगे, जैसे मैसेज का जवाब देना, रास्तों की जानकारी लेना, या रास्ते में चार्जिंग स्टेशन ढूंढना। यह आपकी यात्रा को और भी आसान और मज़ेदार बनाएगा।
- टीवी में: Google TV पर भी जेमिनी AI आ रहा है। आप सिर्फ़ बोलकर अपनी पसंद की फ़िल्में या शो ढूंढ सकते हैं, बच्चों के लिए सही कंटेंट खोज सकते हैं, या किसी विषय पर जानकारी के लिए YouTube वीडियो ढूँढ सकते हैं।
- हेडसेट और स्मार्ट ग्लास में: Google सैमसंग के साथ मिलकर Android XR नाम का एक नया प्लेटफ़ॉर्म ला रहा है। इसके तहत बनने वाले हेडसेट और स्मार्ट ग्लास में भी जेमिनी AI होगा। इससे आप बिना फ़ोन निकाले, सिर्फ़ अपनी आवाज़ या इशारों से जानकारी ले पाएंगे, मैसेज भेज पाएंगे और यहाँ तक कि लाइव बातचीत का अनुवाद भी देख पाएंगे।
III.गूगल के उत्पादों और सेवाओं में AI (AI in Google Products & Services)
AI अब Google के लगभग हर बड़े प्रोडक्ट और सेवा में जुड़ रहा है, जिससे ये और भी ज़्यादा स्मार्ट और उपयोगी बन गए हैं।
1. गूगल सर्च AI मोड (Google Search AI Mode)
गूगल सर्च अब पहले जैसा नहीं रहा, इसे पूरी तरह से बदल दिया गया है। अब इसमें एक नया ‘AI मोड’ है जो आपके सर्च करने के तरीके को ही बदल देगा।
a. बिल्कुल नया AI मोड: सर्च को फिर से बनाना (All-new AI Mode: A Reimagining of Search)
गूगल ने सर्च को एक नए तरीके से सोचा है। अब जब आप कुछ खोजेंगे, तो AI सिर्फ़ लिंक नहीं दिखाएगा, बल्कि एक तैयार जवाब देगा। यह जवाब बहुत समझदारी से लिखा होगा और आपके सवाल के हर पहलू को कवर करेगा। आप इससे और भी सवाल पूछ सकते हैं ताकि गहराई से जानकारी मिल सके।
b. गहराई से खोज (Deep Search): छिपी हुई जानकारी खोजना (Expanded Background Queries)
‘डीप सर्च’ से आप बहुत ही मुश्किल और गहरे सवाल पूछ सकते हैं। AI आपके सवाल को छोटे-छोटे हिस्सों में तोड़ देगा और एक साथ सैकड़ों अलग-अलग जगह पर जानकारी ढूंढेगा। यह बिल्कुल ऐसा है जैसे कोई एक्सपर्ट घंटों रिसर्च करके आपको एक तैयार रिपोर्ट दे रहा हो, जिसमें सभी स्रोत भी दिए होंगे।
c. लाइव देखकर सवाल पूछना और तुरंत बात करना (Live Visual Queries & Real-time Interaction)
अब आप अपने फ़ोन के कैमरे का इस्तेमाल करके भी सवाल पूछ सकते हैं। अगर आप किसी चीज़ को पहचानना चाहते हैं या जानना चाहते हैं कि वह कैसे काम करती है, तो बस कैमरे से उसे दिखाएं और AI आपको तुरंत जवाब देगा। यह ‘लाइव’ होता है, यानी उसी समय आपको जानकारी मिलती है।
d. खुद काम करने की क्षमता (जैसे इवेंट टिकट, बुकिंग) (Agentic Capabilities – e.g., event tickets, reservations)
AI मोड अब आपके लिए कुछ काम भी अपने आप कर सकता है। उदाहरण के लिए, अगर आपको किसी इवेंट के टिकट चाहिए या रेस्टोरेंट में सीट बुक करनी है, तो AI आपके लिए ये काम कर देगा। यह अलग-अलग वेबसाइट्स पर जाकर सबसे अच्छे विकल्प ढूंढेगा और आपकी पसंद के हिसाब से बुकिंग पूरी कर देगा।
e. डेटा समझना और ग्राफ़ बनाना मुश्किल सवालों के लिए (Data Analysis & Graphic Generation for Complex Queries)
अगर आपके पास कोई जटिल डेटा या सवाल है जिसमें संख्याएं शामिल हैं, तो AI मोड उसे भी समझ सकता है। यह डेटा का विश्लेषण करके आपको आसानी से समझने वाले ग्राफ़ या चार्ट बनाकर दिखा सकता है, जिससे मुश्किल जानकारी भी आसान हो जाएगी।
f. AI से चलने वाला शॉपिंग अनुभव (वर्चुअल ट्राई-ऑन के साथ) (AI-powered Shopping Experience (Virtual Try-on))
ऑनलाइन शॉपिंग अब और भी मजेदार हो गई है। AI मोड आपको शॉपिंग में भी मदद करेगा। आप किसी कपड़े को खरीदने से पहले ‘वर्चुअल ट्राई-ऑन’ कर सकते हैं, यानी अपनी फोटो अपलोड करके देख सकते हैं कि वह कपड़ा आप पर कैसा लगेगा। यह AI आपको सबसे अच्छे प्रोडक्ट्स ढूंढने और खरीदने में भी मदद करेगा।
g. AI ओवरव्यू: दुनिया भर में विस्तार (200 से ज़्यादा देशों, 40 से ज़्यादा भाषाओं में) (AI Overviews: Global Expansion (200+ countries, 40+ languages))
AI ओवरव्यू, जो आपके सर्च किए गए टॉपिक का एक छोटा सारांश दिखाता है, अब दुनिया भर में फैल गया है। यह 200 से ज़्यादा देशों और 40 से ज़्यादा भाषाओं में उपलब्ध होगा। इसका मतलब है कि अब ज़्यादा लोग अपनी स्थानीय भाषा में सर्च करते समय AI द्वारा तैयार किए गए ये स्मार्ट सारांश देख पाएंगे, जिससे जानकारी और भी आसानी से मिलेगी।
2. जेनेरेटिव मीडिया (Generative Media)
Google अब AI का इस्तेमाल सिर्फ जानकारी ढूंढने में ही नहीं, बल्कि नई चीज़ें बनाने में भी कर रहा है, जैसे वीडियो और तस्वीरें।
a. वीओ 3: आवाज़ के साथ वीडियो बनाना (Veo 3: Video Generation with Audio)
वीओ 3 (Veo 3) Google का सबसे नया टूल है जो टेक्स्ट से वीडियो बनाता है। इसकी सबसे बड़ी ख़ूबी यह है कि यह वीडियो के साथ-साथ खुद-ब-खुद आवाज़ भी बना सकता है – जैसे वीडियो के माहौल के हिसाब से आवाज़ें, साउंड इफ़ेक्ट्स और यहाँ तक कि डायलॉग भी। फिल्म बनाने वालों और कहानीकारों के लिए यह एक शानदार टूल है।
b. इमैजिन 4: तस्वीरों को बेहतर बनाना (सुधरी हुई लिखावट के साथ) (Imagen 4: Advanced Image Generation (Improved Typography))
इमैजिन 4 (Imagen 4) तस्वीरों को AI की मदद से बनाने का एक और बेहतर तरीका है। यह न सिर्फ़ बहुत अच्छी क्वालिटी की तस्वीरें बनाता है, बल्कि अब इसमें ‘लिखावट’ (Typography) भी बहुत अच्छी आती है। यानी अगर आप किसी तस्वीर में कोई टेक्स्ट डालना चाहते हैं, तो AI उसे बहुत साफ़ और सही तरीके से लिखेगा, जो पहले अक्सर मुश्किल होता था।
c. फ़्लो: AI फिल्म बनाने का टूल (Flow: AI Filmmaking Tool)
फ़्लो (Flow) एक नया AI टूल है जिसे फिल्म बनाने वालों के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह वीओ (Veo), इमैजिन (Imagen) और जेमिनी (Gemini) जैसे Google के सबसे ताकतवर AI मॉडल्स के साथ मिलकर काम करता है। फ़्लो की मदद से कहानीकार अपनी सोच को बिना किसी रुकावट के वीडियो में बदल सकते हैं, जिससे सिनेमाई क्लिप और सीन बनाना आसान हो जाता है।
3. गूगल बीम (पहले प्रोजेक्ट स्टारलाइन) (Google Beam (formerly Project Starline))
Google अपने वीडियो कॉलिंग के तरीके को पूरी तरह बदल रहा है, ताकि आपको लगे कि आप सच में किसी के सामने बैठे हैं।
a. 3D वीडियो बातचीत का प्लेटफ़ॉर्म (3D Video Communications Platform)
गूगल बीम (Google Beam) एक नया प्लेटफ़ॉर्म है जो वीडियो कॉल को 3D में बदल देता है। यह पहले ‘प्रोजेक्ट स्टारलाइन’ के नाम से जाना जाता था। इसका मकसद आपको ऐसा अनुभव देना है, जैसे आप किसी व्यक्ति से आमने-सामने बात कर रहे हों, भले ही वह कहीं दूर बैठा हो।
b. असली जैसी 3D वीडियो कॉल AI के साथ (Realistic 3D Video Calls with AI)
यह प्लेटफ़ॉर्म AI का इस्तेमाल करके आपकी 2D वीडियो स्ट्रीम को 3D अनुभव में बदल देता है। इसमें कई कैमरे होते हैं जो आपको अलग-अलग एंगल से कैप्चर करते हैं, और AI इन सभी को मिलाकर एक असली जैसा 3D रूप बनाता है। इससे आई-कॉन्टैक्ट (नज़रें मिलाना) भी बेहतर होता है और बातचीत ज़्यादा स्वाभाविक लगती है।
4. जीमेल और दूसरे ऐप: स्मार्ट जवाब, गहरे AI कनेक्शन (Gmail & Other Apps: Smarter Replies, Deeper AI Integration)
Google अपने रोज़मर्रा के ऐप्स को भी AI से और स्मार्ट बना रहा है:
- जीमेल में: अब जीमेल में AI और भी स्मार्ट जवाब (smarter replies) सुझाएगा, जिससे आप ईमेल का जवाब और तेज़ी से दे पाएंगे। यह आपके ईमेल के कॉन्टेंट को समझेगा और सही जवाब तैयार करेगा।
- दूसरे ऐप्स में: Google के दूसरे ऐप्स, जैसे Docs, Sheets और Slides में भी AI को गहराई से जोड़ा जा रहा है। इसका मतलब है कि आप इन ऐप्स में AI की मदद से बहुत सारे काम कर पाएंगे, जैसे डॉक्यूमेंट लिखना, डेटा का विश्लेषण करना या प्रेजेंटेशन बनाना।
5. जेमिनी मॉडल्स के लिए निजी जानकारी का इस्तेमाल (Google ऐप डेटा से) (Personal Context for Gemini Models (Google app data integration))
जेमिनी अब आपको और बेहतर तरीके से समझ पाएगा क्योंकि यह Google के दूसरे ऐप्स से आपकी निजी जानकारी का भी इस्तेमाल कर सकेगा।
इसका मतलब है कि अगर आपने जीमेल में कोई फ्लाइट बुक की है या Google कैलेंडर में कोई मीटिंग शेड्यूल की है, तो जेमिनी इन जानकारियों को समझकर आपको ज़्यादा प्रासंगिक और मददगार जवाब दे पाएगा। यह आपकी पसंद, आदतों और ज़रूरतों को बेहतर ढंग से समझेगा, जिससे AI असिस्टेंट और भी निजी और उपयोगी बन जाएगा।
C. AI सब्सक्रिप्शन (AI Subscriptions)
Google ने AI की उन्नत सुविधाओं तक पहुँच के लिए दो नई सब्सक्रिप्शन योजनाएँ शुरू की हैं:
गूगल AI प्रो (Google AI Pro)
यह एक सदस्यता योजना है जो आपको जेमिनी AI की ज़्यादा सुविधाओं और बेहतर परफॉरमेंस तक पहुँच प्रदान करेगी। इसमें आमतौर पर ज़्यादा तेज़ मॉडल, कुछ अतिरिक्त AI फीचर्स और ज़्यादा उपयोग की सीमाएँ शामिल होंगी।
गूगल AI अल्ट्रा (प्रीमियम सुविधाएँ, जल्दी पहुँच, ज़्यादा सीमाएँ) (Google AI Ultra (Premium features, early access, higher limits))
गूगल AI अल्ट्रा (Google AI Ultra) सबसे प्रीमियम सब्सक्रिप्शन योजना है। यह उन लोगों के लिए है जो AI का बहुत ज़्यादा इस्तेमाल करते हैं और उन्हें सबसे अच्छी और सबसे नई AI क्षमताओं की ज़रूरत होती है।
प्रीमियम सुविधाएँ: इसमें आपको Google के सबसे ताकतवर AI मॉडल्स तक पहुँच मिलेगी, जैसे जेमिनी 2.5 प्रो का ‘डीप थिंक मोड’ और वीओ 3।
जल्दी पहुँच (Early Access): आपको Google के नए और एक्सपेरिमेंटल AI फीचर्स और मॉडल्स तक दूसरों से पहले पहुँच मिलेगी।
ज़्यादा सीमाएँ (Higher Limits): आप AI का ज़्यादा उपयोग कर पाएंगे, जैसे ज़्यादा टेक्स्ट जेनरेट करना, ज़्यादा वीडियो बनाना या ज़्यादा जटिल सवाल पूछना। यह फिल्म निर्माताओं, डेवलपर्स और उन पेशेवरों के लिए डिज़ाइन किया गया है जिन्हें उच्च-स्तरीय AI क्षमताओं की आवश्यकता होती है।
एंड्रॉयड XR (Android XR)
Google अब वर्चुअल रियलिटी (VR) और ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) की दुनिया में बड़ी छलांग लगा रहा है। इसे ‘एंड्रॉयड XR’ कहा जा रहा है, जो खास हेडसेट और स्मार्ट ग्लास के लिए बना है।
एंड्रॉयड XR ऑपरेटिंग सिस्टम और SDK के अपडेट (डेवलपर प्रीव्यू 2) (Android XR OS & SDK Updates (Developer Preview 2))
Google ने Android XR के लिए अपने ऑपरेटिंग सिस्टम और ‘SDK’ (सॉफ्टवेयर बनाने के लिए टूल) में नए अपडेट जारी किए हैं। यह ‘डेवलपर प्रीव्यू 2’ है, जिसका मतलब है कि डेवलपर्स (ऐप बनाने वाले) अब इस पर और बेहतर ऐप बना सकते हैं। इन अपडेट से 180° और 360° वीडियो प्लेबैक, इमर्सिव (वास्तविक जैसी) यूज़र इंटरफ़ेस और हैंड-ट्रैकिंग (हाथों के इशारों को समझना) जैसी सुविधाएँ जोड़ी गई हैं।
प्रोजेक्ट औरा (Xreal स्मार्ट ग्लास) (Project Aura (Xreal Smart Glasses))
‘Xreal’ कंपनी ‘प्रोजेक्ट औरा’ नाम के अपने नए स्मार्ट ग्लास पर काम कर रही है, जो एंड्रॉयड XR पर चलेंगे। ये चश्मे आपको वर्चुअल दुनिया और असली दुनिया का मिला-जुला अनुभव देंगे। इनमें जेमिनी AI भी होगा, जो आपके आस-पास के माहौल को समझकर आपको जानकारी देगा, जैसे रास्तों की जानकारी या भाषाओं का अनुवाद।
सैमसंग का प्रोजेक्ट मुहून (एंड्रॉयड XR हेडसेट) (Samsung’s Project Moohan (Android XR Headset))
सैमसंग भी ‘प्रोजेक्ट मुहून’ नाम से अपना एंड्रॉयड XR हेडसेट ला रहा है। यह एक पूरा VR हेडसेट होगा जो Apple Vision Pro को टक्कर देगा। इसे हाई-रिज़ॉल्यूशन डिस्प्ले और सटीक हैंड-ट्रैकिंग के साथ डिज़ाइन किया गया है, जिससे यह बहुत ही वास्तविक अनुभव देगा।
डेमो और भविष्य की क्षमताएं (Demos & Future Capabilities)
Google I/O में एंड्रॉयड XR के कई शानदार डेमो दिखाए गए, जिससे पता चला कि भविष्य में ये डिवाइस क्या-क्या कर सकते हैं। इसमें गेम खेलना, काम करना, और दूसरों के साथ जुड़ना शामिल है, ये सब एक बिल्कुल नए, इमर्सिव तरीके से होगा।
वियर OS 6 (Wear OS 6)
Google अपनी स्मार्टवॉच के ऑपरेटिंग सिस्टम, ‘वियर OS’ को भी बेहतर बना रहा है।
मटेरियल 3 एक्सप्रेसिव के साथ नया यूज़र इंटरफ़ेस डिज़ाइन (New UI Design with Material 3 Expressive)
वियर OS 6 में एक नया और आकर्षक यूज़र इंटरफ़ेस (UI) डिज़ाइन होगा, जो ‘मटेरियल 3 एक्सप्रेसिव’ पर आधारित है। इसका मतलब है कि आपकी स्मार्टवॉच और भी ज़्यादा सुंदर और इस्तेमाल करने में आसान दिखेगी। इसमें रंग, आकार और एनिमेशन का बेहतर इस्तेमाल होगा।
वियर OS 6 के इस साल जुलाई 2025 में सैमसंग गैलेक्सी वॉच 8 सीरीज़ के साथ लॉन्च होने की उम्मीद है।
एंड्रॉयड डेवलपमेंट टूल्स (Android Development Tools)
डेवलपर्स के लिए, Google ने एंड्रॉयड ऐप्स बनाने के लिए कई नए और बेहतर टूल्स पेश किए हैं।
एंड्रॉयड स्टूडियो में जेमिनी के साथ AI (Agentic AI with Gemini in Android Studio)
एंड्रॉयड स्टूडियो, जो ऐप्स बनाने का मुख्य सॉफ्टवेयर है, अब जेमिनी AI के साथ और भी स्मार्ट हो गया है। यह डेवलपर्स को तेज़ी से और आसानी से कोड लिखने में मदद करेगा।
a. कंपोज़ प्रीव्यू बनाना (Compose Preview Generation): डेवलपर्स अब अपने डिज़ाइन का तुरंत ‘प्रीव्यू’ (झलक) देख पाएंगे कि ऐप अलग-अलग डिवाइस पर कैसा दिखेगा, सीधे एंड्रॉयड स्टूडियो के अंदर।
b. यूज़र इंटरफ़ेस बदलना (Transform UI): AI की मदद से, डेवलपर्स बोलकर या लिखकर अपने ऐप के यूज़र इंटरफ़ेस में बदलाव कर पाएंगे।
c. इमेज अटैच करना और प्रीव्यू बनाना (Image Attachment and Preview Generation): डेवलपर्स अब इमेज अटैच करके AI को बता सकते हैं कि वे कैसा UI चाहते हैं, और AI उसके हिसाब से कोड बना देगा।
d. जेमिनी चैट में फ़ाइल का संदर्भ (File Context in Gemini Chat): जेमिनी चैट में अब आप कोड फ़ाइलों को भी ‘अटैच’ कर सकते हैं, ताकि AI आपके कोड को समझकर ज़्यादा सटीक जवाब दे सके।
e. मुश्किल डेवलपमेंट कामों के लिए एजेंट मोड (Agent Mode for Complex Development Tasks): ‘एजेंट मोड’ AI को जटिल डेवलपमेंट काम सौंपने की सुविधा देता है, जैसे किसी फ़ीचर को पूरी तरह से लागू करना या किसी समस्या को ठीक करना।
ऐप क्वालिटी इनसाइट्स और क्रैश एनालिसिस (सोर्स फ़िक्स के साथ) (App Quality Insights & Crash Analysis (with Source Fix)): अब डेवलपर्स अपने ऐप की क्वालिटी को बेहतर तरीके से ट्रैक कर पाएंगे। अगर ऐप में कोई क्रैश आता है, तो AI सिर्फ़ यह नहीं बताएगा कि क्रैश कहाँ हुआ, बल्कि यह भी बताएगा कि उसे कैसे ठीक किया जाए और कई बार तो ‘सोर्स फ़िक्स’ (सीधे कोड में सुधार) भी सुझाएगा।
कंपोज़ प्रीव्यू में सुधार (नेविगेशन, बदली जा सकने वाली विंडो) (Compose Preview Improvements (Navigation, Resizable Window)): ‘कंपोज़ प्रीव्यू’ को और बेहतर बनाया गया है। अब इसमें ‘नेविगेशन’ (ऐप के अलग-अलग स्क्रीन के बीच जाना) और ‘बदली जा सकने वाली विंडो’ (resizable window) जैसी सुविधाएँ होंगी, जिससे डेवलपर्स अपने ऐप को अलग-अलग साइज़ की स्क्रीन पर टेस्ट कर पाएंगे।
एम्बेडेड XR एमुलेटर (Embedded XR Emulator): डेवलपर्स अब सीधे एंड्रॉयड स्टूडियो के अंदर ही ‘XR एमुलेटर’ का इस्तेमाल कर पाएंगे। इससे उन्हें असली XR हेडसेट या स्मार्ट ग्लास की ज़रूरत नहीं पड़ेगी और वे अपने XR ऐप्स को आसानी से टेस्ट कर पाएंगे।
डेवलपर्स के लिए फ़ायरबेस AI लॉजिक (Firebase AI Logic for Developers): ‘फ़ायरबेस’ एक टूल है जो डेवलपर्स को अपने ऐप्स के लिए बैकएंड बनाने में मदद करता है। अब इसमें AI लॉजिक भी जोड़ा गया है, जिससे डेवलपर्स आसानी से अपने मोबाइल और वेब ऐप्स में AI की सुविधाएँ डाल पाएंगे, बिना किसी अलग सर्वर की ज़रूरत के।
कारों में अनुभव के लिए ज़्यादा मौके (जेमिनी का जुड़ाव, नए ऐप कैटेगरी) (Expanded Opportunities for In-Car Experiences (Gemini integration, new app categories)): एंड्रॉयड अब कारों में और भी ज़्यादा स्मार्ट अनुभव देगा। जेमिनी AI को कार के सिस्टम के साथ जोड़ा जाएगा, जिससे ड्राइवर आवाज़ से कई काम कर पाएंगे। साथ ही, अब कारों में ‘ब्राउज़र’ और ‘वीडियो प्लेयर’ जैसी नई तरह की ऐप्स भी आ सकेंगी, जो पहले अनुमत नहीं थीं (लेकिन सुरक्षा नियमों के साथ)।
कोटलिन मल्टीप्लेटफ़ॉर्म (KMP) अपडेट (Kotlin Multiplatform (KMP) Updates): ‘कोटलिन मल्टीप्लेटफ़ॉर्म’ (KMP) में भी कई अपडेट आए हैं। यह डेवलपर्स को एक ही कोडबेस का इस्तेमाल करके एंड्रॉयड और iOS दोनों के लिए ऐप बनाने में मदद करता है, जिससे समय और मेहनत बचती है। Google खुद भी अपने कुछ ऐप्स में KMP का इस्तेमाल कर रहा है, जिससे यह तकनीक और बेहतर हो रही है।
IV. हार्डवेयर और डिवाइस (Hardware & Devices)
Google I/O 2025 में सिर्फ़ सॉफ्टवेयर की नहीं, बल्कि नए और बेहतर हार्डवेयर डिवाइस की भी बात हुई, जो AI को हमारे हाथों तक पहुँचाएंगे।
गूगल बीम डिवाइस (HP के साथ पार्टनरशिप, दूसरे निर्माताओं से भी) (Google Beam Devices (Partnership with HP, OEM availability))
- गूगल बीम (Google Beam), जो पहले ‘प्रोजेक्ट स्टारलाइन’ के नाम से जाना जाता था, अब असली डिवाइस के रूप में आ रहा है। यह 3D वीडियो बातचीत का एक ऐसा सिस्टम है जो आपको ऐसा महसूस कराएगा जैसे आप किसी से आमने-सामने बात कर रहे हों।
- Google ने इस टेक्नोलॉजी को लोगों तक पहुँचाने के लिए HP जैसी बड़ी कंपनी के साथ पार्टनरशिप की है। इसका मतलब है कि HP ‘गूगल बीम’ डिवाइस बनाएगी, और ये डिवाइस जल्द ही कंपनियों और बिज़नेस ग्राहकों के लिए उपलब्ध होंगे। भविष्य में दूसरे निर्माता भी ऐसे डिवाइस बना सकते हैं।
B. एंड्रॉयड XR हेडसेट और स्मार्ट ग्लास (सैमसंग, Xreal और दूसरे पार्टनर्स के साथ) (Android XR Headsets and Smart Glasses (Samsung, Xreal, other partners))
- जैसा कि हमने पहले देखा, एंड्रॉयड XR Google का नया ऑपरेटिंग सिस्टम है जो वर्चुअल और ऑगमेंटेड रियलिटी के लिए बना है।
- Google ने बताया कि सैमसंग ‘प्रोजेक्ट मुहून’ नाम से अपना एंड्रॉयड XR हेडसेट ला रहा है। यह एक प्रीमियम हेडसेट होगा जो पूरी तरह से इमर्सिव (वास्तविक जैसा) अनुभव देगा।
- इसके अलावा, Xreal जैसी कंपनियाँ भी ‘प्रोजेक्ट औरा’ नाम से स्मार्ट ग्लास बना रही हैं, जो एंड्रॉयड XR पर चलेंगे। ये हल्के चश्मे होंगे जो आपको रोज़मर्रा की ज़िंदगी में AI और जानकारी को अपनी आँखों के सामने देखने की सुविधा देंगे।
- Google दूसरे पार्टनर्स के साथ भी काम कर रहा है ताकि अलग-अलग तरह के एंड्रॉयड XR डिवाइस बाज़ार में आ सकें।
C. नए पिक्सल फ़ोन और टैबलेट की घोषणाएँ (अगर कोई हो) (New Pixel & Tablet Announcements (if any))
- Google I/O में अक्सर नए पिक्सल फ़ोन और टैबलेट की भी घोषणाएँ होती हैं। हालांकि, इस बार मुख्य ज़ोर AI और XR पर था, फिर भी उम्मीद की जा रही थी कि Google शायद पिक्सल 10 सीरीज़ या पिक्सल टैबलेट 3 के बारे में कुछ संकेत दे।
- अगर कोई घोषणा हुई होगी, तो इसमें नए AI फ़ीचर्स, बेहतर कैमरे और Tensor G5 चिपसेट जैसे अपडेट शामिल होंगे। पिक्सल टैबलेट में भी AI की गहरी इंटीग्रेशन और बेहतर मल्टीटास्किंग क्षमताओं की उम्मीद है।
D. वियर OS डिवाइस (पिक्सल और गैलेक्सी वॉच) (Wear OS Devices (Pixel and Galaxy Watches))
- वियर OS 6 के लॉन्च के साथ, Google की अपनी पिक्सल वॉच और सैमसंग की गैलेक्सी वॉच जैसी स्मार्टवॉच में भी नए और बेहतर फ़ीचर्स आएंगे।
- इनमें नया और ज़्यादा सुंदर डिज़ाइन (‘मटेरियल 3 एक्सप्रेसिव’) होगा, बेहतर परफॉरमेंस और ज़्यादा लंबी बैटरी लाइफ मिलेगी। AI की मदद से ये वॉचें और भी स्मार्ट होंगी, जैसे आपके स्वास्थ्य को बेहतर तरीके से ट्रैक करना और आपको व्यक्तिगत सुझाव देना।
V. डेवलपर्स के सेशन और वर्कशॉप (Developer Sessions & Workshops)
Google I/O डेवलपर्स के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण इवेंट होता है, जहाँ उन्हें नई तकनीकों के बारे में सीखने और अपने कौशल को बेहतर बनाने का मौका मिलता है। इस बार, मुख्य ध्यान AI और नए प्लेटफॉर्म पर था।
जेमिनी API के साथ खुद काम करने वाले अनुभव बनाना (Building Agentic Experiences with Gemini API)
इस सेशन में डेवलपर्स को सिखाया गया कि वे जेमिनी API (एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस) का उपयोग करके कैसे ऐसे AI बना सकते हैं जो अपने आप कई काम कर सकें (जिन्हें ‘एजेंटिक एक्सपीरियंस’ कहते हैं)। इसमें AI को जटिल कामों को समझने और उन्हें खुद-ब-खुद पूरा करने के तरीके शामिल थे।
AI के साथ दमदार वेब अनुभव बनाना (Creating Powerful Web Experiences with AI)
यह वर्कशॉप वेब डेवलपर्स के लिए थी, जहाँ उन्हें सिखाया गया कि वे अपनी वेबसाइट और वेब ऐप्स में AI को कैसे जोड़ सकते हैं। इसमें AI-पावर्ड सर्च, पर्सनलाइज़्ड कंटेंट, और यूज़र के लिए बेहतर अनुभव बनाने के तरीके बताए गए।
एंड्रॉयड XR के लिए डेवलपमेंट (Developing for Android XR)
जो डेवलपर्स वर्चुअल और ऑगमेंटेड रियलिटी के लिए ऐप बनाना चाहते हैं, उनके लिए यह सेशन था। इसमें एंड्रॉयड XR ऑपरेटिंग सिस्टम और SDK का उपयोग करके इमर्सिव ऐप और अनुभव बनाने के तरीके सिखाए गए।
कंटेंट बनाने के लिए जेनेरेटिव AI का उपयोग (Leveraging Generative AI for Content Creation)
यह सेशन उन लोगों के लिए था जो AI का उपयोग करके नया कंटेंट बनाना चाहते हैं, जैसे वीडियो, तस्वीरें, और टेक्स्ट। इसमें वीओ (Veo), इमैजिन (Imagen) और फ़्लो (Flow) जैसे Google के जेनेरेटिव AI टूल्स का उपयोग करके रचनात्मक काम करने के तरीके बताए गए।
AI डेवलपमेंट में सुरक्षा और गोपनीयता (Security and Privacy in AI Development)
यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण सेशन था जहाँ AI ऐप बनाते समय डेटा की सुरक्षा और यूज़र की गोपनीयता को कैसे सुनिश्चित किया जाए, इस पर चर्चा हुई। इसमें AI सिस्टम को सुरक्षित रखने के लिए सबसे अच्छे तरीके (best practices) और नैतिक विचार शामिल थे।
VI. दूसरी घोषणाएँ (Miscellaneous Announcements)
Google I/O 2025 में AI और नए प्लेटफॉर्म्स के अलावा भी कई दिलचस्प घोषणाएँ हुईं, जो Google के अलग-अलग प्रोडक्ट्स को और बेहतर बनाएंगी।
गहरी रिसर्च पर्सनलाइज़ेशन (गूगल ड्राइव, जीमेल के साथ जुड़ाव) (Deep Research Personalization (Google Drive, Gmail integration))
- Google अब रिसर्च करने के तरीके को और भी पर्सनल बना रहा है। इसका मतलब है कि जब आप कुछ खोजेंगे, तो AI आपके Google Drive और Gmail से भी जानकारी ले सकेगा (सिर्फ़ आपकी अनुमति से)।
- जैसे, अगर आप किसी प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं और उससे जुड़ी फ़ाइलें आपके ड्राइव में हैं, तो AI आपको खोजते समय उन फ़ाइलों से भी जानकारी दे सकता है। यह आपके ईमेल से भी ज़रूरी जानकारी निकाल सकता है, जिससे आपकी रिसर्च और ज़्यादा सटीक और तेज़ी से होगी। यह सब आपकी प्राइवेसी का ध्यान रखते हुए होगा।
नया Pinterest जैसा प्लेटफ़ॉर्म (इमेज सर्च पर आधारित कलेक्शन) (New Pinterest Rival (Image Search-based collections))
- Google एक नया प्लेटफ़ॉर्म ला रहा है जो इमेज सर्च पर आधारित होगा, और यह Pinterest जैसा हो सकता है।
- इस प्लेटफ़ॉर्म पर आप अपनी पसंद की तस्वीरों को इकट्ठा कर पाएंगे, उन्हें अलग-अलग ‘कलेक्शन’ में व्यवस्थित कर पाएंगे, और दूसरों के साथ शेयर भी कर पाएंगे। यह AI की मदद से आपको नई तस्वीरें और आइडिया खोजने में भी मदद करेगा जो आपकी पसंद से मेल खाते हों। यह उन लोगों के लिए बेहतरीन होगा जो विज़ुअल कंटेंट से प्रेरणा लेते हैं या अपने आइडियाज़ को तस्वीरों में सहेजना चाहते हैं।
गूगल क्रोम में छोटे-मोटे बदलाव और सुधार (Google Chrome Tweaks and Refinements)
- Google के वेब ब्राउज़र, क्रोम (Chrome) में भी कई छोटे-मोटे लेकिन महत्वपूर्ण बदलाव और सुधार किए गए।
- इसमें यूज़र इंटरफ़ेस में और भी सुधार, बेहतर परफॉरमेंस (तेज़ ब्राउज़िंग), और प्राइवेसी व सुरक्षा के नए फ़ीचर्स शामिल हैं। AI की मदद से क्रोम अब और भी स्मार्ट सुझाव देगा और आपकी ब्राउज़िंग को ज़्यादा सुरक्षित बनाएगा।
गूगल असिस्टेंट से जेमिनी लाइव में बदलाव (Google Assistant to Gemini Live Transition)
- Google अब अपने पुराने ‘गूगल असिस्टेंट’ को धीरे-धीरे ‘जेमिनी लाइव’ में बदल रहा है।
- जेमिनी लाइव (जैसा कि हमने पहले देखा) एक ज़्यादा स्मार्ट और सक्षम AI असिस्टेंट है जो न केवल आवाज़ से कमांड समझेगा, बल्कि कैमरे और स्क्रीन शेयरिंग के साथ भी काम करेगा। यह बदलाव यूज़र्स को एक ज़्यादा एकीकृत और शक्तिशाली AI अनुभव देगा, जहाँ उनका असिस्टेंट ज़्यादा बातचीत कर सकेगा और जटिल काम कर सकेगा।
VII. समापन भाषण और भविष्य की सोच (Closing Remarks & Future Outlook)
Google I/O 2025 के अंत में, Google के नेताओं ने एक बार फिर मंच संभाला और इस पूरे इवेंट का सार प्रस्तुत किया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि AI Google के भविष्य का मूल स्तंभ है, और यह सिर्फ़ एक तकनीक नहीं, बल्कि इंसानों की क्षमताओं को बढ़ाने का एक ज़रिया है।
भविष्य को लेकर, Google ने बताया कि वे AI को और भी ज़्यादा सहज, व्यक्तिगत और हर जगह उपलब्ध कराने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उनका लक्ष्य AI को इतना स्मार्ट बनाना है कि वह हमारे जीवन को हर तरह से आसान बना दे, चाहे वह काम हो, मनोरंजन हो, या सीखना हो। उन्होंने AI के नैतिक उपयोग, डेटा प्राइवेसी और सुरक्षा पर अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराई।
यह Google I/O इस बात का सबूत था कि Google AI को सिर्फ़ रिसर्च लैब में नहीं रखना चाहता, बल्कि उसे हर किसी के हाथों में पहुँचाना चाहता है, ताकि हर कोई AI की शक्ति का लाभ उठा सके। भविष्य में हम और भी ज़्यादा स्मार्ट डिवाइस, ज़्यादा सहज इंटरैक्शन और AI की मदद से नए-नए तरीकों से काम करते हुए देखेंगे। Google AI के साथ हमारे भविष्य को फिर से गढ़ रहा है, और यह सिर्फ़ शुरुआत है।