Google Project Greenlight AI कैसे Traffic Emission कम करता है?

|
Google Project Greenlight AI कैसे Traffic Emission कम करता है? 1

शहरों में ट्रैफिक जाम एक बड़ी समस्या है। यह न केवल समय बर्बाद करता है, बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाता है। Google Project Green Light इस समस्या का हल निकालने के लिए बनाया गया है। यह कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और Google Maps के डेटा का उपयोग करके ट्रैफिक लाइट्स का समय बेहतर करता है, जिससे गाड़ियां कम रुकें, ईंधन की बचत हो और हवा साफ रहे। खासकर चौराहों पर, जहां गाड़ियां बार-बार रुकती और चलती हैं, प्रदूषण 29 गुना ज्यादा हो सकता है।

Glance AI Virtual Try OnGoogle Stitch AI
OpenAI Codex AIGoogle Illuminate AI

प्रोजेक्ट ग्रीन लाइट क्या है? (Google Project Greenlight)

जब आप शहर में गाड़ी चलाते हैं, तो ट्रैफिक लाइट्स पर बार-बार रुकना पड़ता है। यह न केवल समय बर्बाद करता है, बल्कि गाड़ियों से निकलने वाला धुआं (ग्रीनहाउस गैसें) हवा को और प्रदूषित करता है। Project Green Light का लक्ष्य है कि ट्रैफिक लाइट्स का समय ऐसा सेट किया जाए कि गाड़ियां कम रुकें, जिससे ट्रैफिक सुचारू हो और प्रदूषण कम हो। यह Google Maps के डेटा और AI की मदद से होता है।

Google Project Greenlight कैसे काम करता है?

Google का यह प्रोजेक्ट चार आसान चरणों में काम करता है:

चौराहे को समझना
यह सिस्टम पहले यह देखता है कि चौराहे की ट्रैफिक लाइट्स कैसे काम कर रही हैं। उदाहरण के लिए, हरी बत्ती कितनी देर जलती है? लाल बत्ती कितनी देर? चौराहों के बीच लाइट्स का तालमेल कैसा है? यह जानकारी Google Maps के पुराने और नए डेटा से ली जाती है, जो सालों से जमा हो रहा है।

ट्रैफिक का अध्ययन करना
AI यह देखता है कि चौराहे पर गाड़ियां कैसे चल रही हैं। कितनी बार रुक रही हैं? कितना समय इंतजार कर रही हैं? पास के चौराहों से ट्रैफिक कैसे जुड़ा है? इसके लिए Google Maps का गुमनाम डेटा इस्तेमाल होता है, यानी आपकी निजी जानकारी पूरी तरह सुरक्षित रहती है।

सुझाव देना
AI इन सब जानकारियों के आधार पर सुझाव देता है कि ट्रैफिक लाइट्स का समय कैसे बदला जाए। ये सुझाव एक आसान डैशबोर्ड पर शहर के ट्रैफिक इंजीनियरों को दिखाए जाते हैं। अच्छी बात यह है कि इन बदलावों को लागू करने में सिर्फ 5 मिनट लगते हैं, और इसके लिए कोई नया उपकरण लगाने की जरूरत नहीं होती। AI का लक्ष्य “हरी लहर” बनाना है, यानी कई चौराहों की लाइट्स इस तरह सेट हों कि गाड़ियां बिना रुके चल सकें।

प्रभाव को जांचना
बदलाव करने के बाद, AI यह देखता है कि कितनी गाड़ियां कम रुकीं, ट्रैफिक कितना सुधरा, और प्रदूषण में कितनी कमी आई। यह जानकारी शहरों को एक विस्तृत रिपोर्ट के रूप में दी जाती है, और सिस्टम लगातार निगरानी करता रहता है ताकि जरूरत पड़ने पर और सुधार किए जा सकें।

उदाहरण से समझें

मान लीजिए, आप दिल्ली में एक व्यस्त चौराहे से गुजर रहे हैं। वहां हर बार लाल बत्ती पर 2-3 मिनट रुकना पड़ता है, जिससे गाड़ी का ईंधन बर्बाद होता है और धुआं निकलता है। Project Green Light उस चौराहे की लाइट्स का समय इस तरह बदलेगा कि गाड़ियां कम रुकें। जैसे, अगर आप एक चौराहे पर हरी बत्ती पाते हैं, तो अगले चौराहे पर भी हरी बत्ती मिले, जिससे आप बिना रुके निकल जाएं। इससे आपका समय बचेगा, ईंधन की बचत होगी, और हवा में प्रदूषण कम होगा।

Artificial intelligence (AI) की शक्ति का लाभ उठाते हुए और गूगल मैप्स से प्राप्त जानकारी का उपयोग करते हुए, ग्रीन लाइट ट्रैफिक सिग्नल सिस्टम्स को ऑप्टिमाइज़ करके vehicle emissions को कम करता है, जिससे जलवायु परिवर्तन के मिटाने और शहरी गतिशीलता को बेहतर बनाने में योगदान होता है। इस पोस्ट में Google Project Greenlight के कार्य और शहरों के लिए इसके संभावित लाभों का अन्वेषण करता है।

प्रोजेक्ट ग्रीन लाइट किन समस्याओं को हल करता है?

Project Green Light दो मुख्य समस्याओं पर काम करता है:

वायु प्रदूषण
जब गाड़ियां बार-बार रुकती और चलती हैं (जैसे ट्रैफिक लाइट्स पर), तो वे ज्यादा ईंधन जलाती हैं और हवा में हानिकारक गैसें (ग्रीनहाउस गैसें) छोड़ती हैं। यह हवा को प्रदूषित करता है, जो हमारी सेहत और पर्यावरण के लिए नुकसानदायक है।

यह प्रोजेक्ट ट्रैफिक लाइट्स का समय ऐसा सेट करता है कि गाड़ियां कम रुकें। इससे चौराहों पर प्रदूषण 10% तक कम हो जाता है। कम रुकने से गाड़ियां कम धुआं छोड़ती हैं, जिससे हवा साफ रहती है।

ट्रैफिक जाम
शहरों में ट्रैफिक लाइट्स पर लंबा इंतजार करना और जाम में फंसना आम बात है। इससे समय बर्बाद होता है और लोग परेशान होते हैं।

यह सिस्टम ट्रैफिक लाइट्स को इस तरह से समायोजित करता है कि गाड़ियां 30% तक कम रुकें। इससे ट्रैफिक जाम कम होता है, और आप अपने गंतव्य तक तेजी से पहुंचते हैं।

ध्यान दें: यह प्रोजेक्ट अभी आपातकालीन वाहनों (जैसे एम्बुलेंस या फायर ब्रिगेड) को प्राथमिकता देने पर केंद्रित नहीं है। इसका मुख्य फोकस सामान्य ट्रैफिक को सुचारू करना और प्रदूषण कम करना है। भविष्य में इसे और बेहतर बनाया जा सकता है।

AI तकनीक और इसका काम करने का तरीका

Project Green Light में मल्टी-एजेंट रीइन्फोर्समेंट लर्निंग (MARL) जैसी उन्नत AI तकनीकों का उपयोग होता है। यह AI लगातार ट्रैफिक के पैटर्न को सीखता और समझता है, फिर उसी के हिसाब से ट्रैफिक लाइट्स के समय को बेहतर करने के सुझाव देता है। यह Google Maps के गुमनाम डेटा का उपयोग करता है, जो यह बताता है कि गाड़ियां कैसे चल रही हैं, कहां रुक रही हैं, और कितना समय बर्बाद हो रहा है।

काम करने का तरीका:

  • AI Google Maps के डेटा से चौराहों के ट्रैफिक पैटर्न को समझता है।
  • यह सुझाव देता है कि लाइट्स का समय कैसे बदला जाए ताकि गाड़ियां कम रुकें।
  • शहर के ट्रैफिक इंजीनियर इन सुझावों को जांचते हैं और 5 मिनट में लागू कर सकते हैं।
  • लागू होने के बाद, AI यह जांचता है कि कितना सुधार हुआ और क्या और बदलाव की जरूरत है।

इससे क्या फायदे हैं?

Project Green Light के कई बड़े फायदे हैं:

  1. साफ हवा: प्रदूषण में 10% की कमी से हवा साफ रहती है, जो सेहत के लिए अच्छा है।
  2. बेहतर ट्रैफिक: 30% कम रुकने से जाम कम होता है, और यात्रा तेज होती है।
  3. ईंधन की बचत: गाड़ियां कम रुकती हैं, जिससे ईंधन कम खर्च होता है। उदाहरण के लिए, बोस्टन में एक चौराहे पर सालाना 14,000 गैलन ईंधन बचा।
  4. खुशहाल ड्राइवर: कम इंतजार और सुचारू यात्रा से ड्राइविंग का अनुभव बेहतर होता है।
  5. मुफ्त सेवा: Google अभी यह सेवा शहरों को मुफ्त दे रहा है, क्योंकि यह प्रोजेक्ट अपने शुरुआती चरण में है।

प्रोजेक्ट ग्रीन लाइट कहां लागू किया गया है?

Project Green Light 2023 में शुरू हुआ था और अब यह 4 महाद्वीपों के 18 शहरों में काम कर रहा है। कुछ प्रमुख शहरों में शामिल हैं:

  • बोस्टन, अमेरिका: यहां 114 चौराहों पर यह प्रोजेक्ट चल रहा है।
  • हाइफा, इजराइल
  • रियो डी जनेरियो, ब्राजील
  • बैंगलोर, भारत
  • कोलकाता, भारत
  • बैंकॉक, थाईलैंड
  • सिएटल, अमेरिका: यह अमेरिका में पहला शहर था जहां इसे लागू किया गया।

ये प्रोजेक्ट हर महीने 30 मिलियन गाड़ियों को फायदा पहुंचा रहा है, जिससे ट्रैफिक कम रुकता है और प्रदूषण में कमी आती है।

भविष्य की संभावनाएं

Google का लक्ष्य इस प्रोजेक्ट को और बड़े स्तर पर ले जाना है:

और शहरों में विस्तार: यह और अधिक शहरों और चौराहों तक पहुंचेगा।

स्मार्ट सिटी का हिस्सा: यह Google की “मोबिलिटी AI” पहल का हिस्सा है, जिसका मकसद AI से शहरों के ट्रैफिक और परिवहन को बेहतर बनाना है।

लंबे समय के फायदे:

  • बेहतर शहरी नियोजन।
  • कम प्रदूषण और साफ हवा।
  • तेज और आसान यात्रा।
  • अधिक टिकाऊ (सस्टेनेबल) शहर।

चुनौतियां क्या हैं?

हालांकि यह प्रोजेक्ट बहुत अच्छा है, लेकिन कुछ समस्याएं भी हैं:

स्थानीय जरूरतों का ध्यान रखना: कुछ शहरों, जैसे मैनचेस्टर में, AI के सुझाव हमेशा सही नहीं होते। उदाहरण के लिए, अगर किसी शहर में बसों को प्राथमिकता देनी हो या रिहायशी इलाकों में ट्रैफिक कम करना हो, तो AI के सुझावों को इंजीनियरों को बदलना पड़ता है। इससे पता चलता है कि AI के साथ-साथ इंसानी समझ और अनुभव अभी भी जरूरी है।

ट्रैफिक में बदलाव की आदत: AI लगातार ट्रैफिक लाइट्स को बदलता रहता है, जिससे कुछ ड्राइवरों को यह “अराजक” या “थकाने वाला” लग सकता है, क्योंकि उन्हें नए ट्रैफिक पैटर्न की आदत डालनी पड़ती है।

डेटा और गोपनीयता: Google गुमनाम डेटा का इस्तेमाल करता है, यानी आपकी निजी जानकारी सुरक्षित रहती है। लेकिन कुछ शहर अपने सेंसर डेटा का उपयोग करना चाहते हैं, क्योंकि उन्हें Google के डेटा पर पूरी तरह भरोसा नहीं होता।

अपने शहर में प्रोजेक्ट ग्रीनलाइट क्यों लाएं?

प्रोजेक्ट ग्रीनलाइट AI शहरों के लिए कई कारणों से एक शानदार और प्रभावी समाधान है। यह सिर्फ ट्रैफिक कम करने से कहीं ज़्यादा है, यह शहरों को ‘हरा-भरा’ (पर्यावरण के अनुकूल) और ‘स्मार्ट’ बनाने का एक आसान तरीका है:

शहरों के लिए ‘ग्रीन’ बनने का एक सरल और प्रभावशाली तरीका: यह शहरों को अपने कार्बन फुटप्रिंट (उत्सर्जन) को कम करने और वायु गुणवत्ता में सुधार करने का एक सीधा रास्ता प्रदान करता है। कम स्टॉप-एंड-गो ट्रैफिक का मतलब है कम ईंधन की खपत और कम प्रदूषण।

कोई अतिरिक्त हार्डवेयर खरीदने, स्थापित करने या रखरखाव की आवश्यकता नहीं: यह सबसे बड़ा लाभ है! शहरों को इस प्रणाली को लागू करने के लिए कोई नया कैमरा, सेंसर या अन्य उपकरण खरीदने की ज़रूरत नहीं है। ग्रीनलाइट मौजूदा ट्रैफिक लाइट सिस्टम और गूगल मैप्स के डेटा का उपयोग करता है। इससे शहरों का बहुत सारा पैसा और समय बचता है जो आमतौर पर नई तकनीक स्थापित करने और उसका रखरखाव करने में लगता है।

चौराहों का स्वचालित कवरेज, निगरानी और अनुकूलन: एक बार लागू होने के बाद, सिस्टम स्वचालित रूप से चौराहों के बड़े नेटवर्क को कवर करता है, उनकी लगातार निगरानी करता है, और ट्रैफिक प्रवाह को बेहतर बनाने के लिए खुद ही अनुकूलन (ऑप्टिमाइजेशन) करता रहता है। इससे शहर के अधिकारियों पर काम का बोझ कम होता है।

विश्वसनीय जानकारी का स्रोत (गूगल मैप्स ड्राइविंग ट्रेंड्स पर आधारित): यह प्रणाली गूगल मैप्स के विशाल और विश्वसनीय ड्राइविंग डेटा पर आधारित है। गूगल मैप्स दुनिया भर के लाखों ड्राइवरों द्वारा उपयोग किया जाता है, जिससे ट्रैफिक पैटर्न की सटीक और व्यापक जानकारी मिलती है। यह ‘सत्य का एक विश्वसनीय स्रोत’ प्रदान करता है।

स्पष्ट, कार्रवाई योग्य सुझाव और प्रभाव रिपोर्ट: शहर के इंजीनियरों को जटिल डेटा में खोने की ज़रूरत नहीं पड़ती। उन्हें स्पष्ट और सीधे सुझाव मिलते हैं कि कहाँ और कैसे बदलाव करने हैं। इसके अलावा, लागू किए गए बदलावों के प्रभाव (जैसे कितने स्टॉप बचे, कितना उत्सर्जन कम हुआ) की विस्तृत रिपोर्ट भी मिलती है, जिससे वे अपनी प्रगति देख सकते हैं।

उपयोगकर्ता के अनुकूल इंटरफ़ेस: सिस्टम का इंटरफ़ेस आसान और सहज है, जिससे ट्रैफिक इंजीनियरों के लिए सिफारिशों को समझना, उन्हें स्वीकार या अस्वीकार करना और बदलावों को लागू करना आसान हो जाता है।

अपने शहर के लिए प्रोजेक्ट ग्रीनलाइट में शामिल होने में रुचि है?

अगर आप किसी शहर/मेट्रो/राज्य के प्रतिनिधि या ट्रैफिक इंजीनियर हैं और प्रोजेक्ट ग्रीनलाइट की प्रतीक्षा सूची में शामिल होने में रुचि रखते हैं, तो आप दिए गए फॉर्म को भरकर अपनी रुचि व्यक्त कर सकते हैं: https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSfzGrpILT0cUvHitteG2ssb-brz1plWz7jMIoKGzo7X27QsfQ/viewform

गूगल धीरे-धीरे दुनिया भर के शहरों, मेट्रो और राज्यों के साथ पायलट प्रोजेक्ट शुरू कर रहा है। फॉर्म भरने के बाद ग्रीनलाइट टीम का कोई सदस्य जल्द ही आपसे संपर्क करेगा।

दूसरी तकनीकों से तुलना

Project Green Light के अलावा कुछ अन्य कंपनियां, जैसे Miovision Adaptive और NoTraffic, भी AI से ट्रैफिक प्रबंधन करती हैं। आइए, इनकी तुलना करें:

विशेषताGoogle Project Green LightMiovision AdaptiveNoTraffic
डेटा स्रोतGoogle Maps का गुमनाम डेटा (पुराना और वास्तविक समय)अपने वीडियो सेंसर से वास्तविक समय का डेटाअपने वीडियो और रडार सेंसर से वास्तविक समय का डेटा
हार्डवेयर की जरूरतकोई नया उपकरण नहीं, मौजूदा सिस्टम का उपयोगनए सेंसर लगाने पड़ते हैंअपने सेंसर लगाने पड़ते हैं
काम करने का तरीकाशहर के इंजीनियरों को सुझाव देता हैस्वचालित और वास्तविक समय में ट्रैफिक नियंत्रणAI और क्लाउड से वास्तविक समय में ट्रैफिक नियंत्रण
आपातकालीन वाहनआपातकालीन वाहनों को प्राथमिकता नहीं देताआपातकालीन वाहनों को प्राथमिकता देता हैट्रैफिक प्रबंधन पर फोकस, आपातकालीन सुविधा नहीं
लागतअभी मुफ्त हैपैसे देने पड़ते हैंपैसे देने पड़ते हैं

निष्कर्ष

Google Project Green Light एक स्मार्ट तकनीक है जो ट्रैफिक जाम और प्रदूषण को कम करके शहरों को बेहतर बनाती है। यह 18 शहरों में काम कर रहा है और भविष्य में और फैलेगा। हालांकि, कुछ चुनौतियां जैसे स्थानीय जरूरतों को समझना और आपातकालीन वाहनों को प्राथमिकता देना अभी बाकी हैं। फिर भी, यह मुफ्त और आसान समाधान शहरों को साफ, तेज, और रहने योग्य बनाने में मदद कर रहा है।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.