एयरटेल की AI-पावर्ड फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम: डिजिटल सुरक्षा में एक नया युग | Airtel AI-Powered Fraud Detection
आज के डिजिटल युग में, ऑनलाइन धोखाधड़ी और साइबर अपराध भारत में मोबाइल और इंटरनेट यूज़र्स के लिए एक गंभीर खतरा बन चुके हैं। स्पैम कॉल्स, फिशिंग मैसेज, और मालिशियस वेबसाइट्स के ज़रिए हर दिन लाखों लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं। इस बढ़ती समस्या से निपटने के लिए भarti Airtel ने AI-पावर्ड फ्रॉड डिटेक्शन सॉल्यूशन लॉन्च किया है, जिसे दुनिया की पहली ऐसी तकनीक माना जा रहा है। यह सिस्टम रियल-टाइम में मालिशियस वेबसाइट्स और लिंक को पहचानकर ब्लॉक करता है, जिससे यूज़र्स को स्पैम, स्कैम, और साइबर खतरों से सुरक्षा मिलती है।
यह सेवा सभी एयरटेल मोबाइल और ब्रॉडबैंड यूज़र्स के लिए मुफ्त है और इसे एक्टिवेट करने के लिए किसी ऐप या मैनुअल सेटिंग की ज़रूरत नहीं। यह अपने-आप नेटवर्क में इंटीग्रेट हो जाती है, जिससे हर यूज़र को बिना किसी परेशानी के डिजिटल सुरक्षा मिलती है। इस ब्लॉग में हम इस सॉल्यूशन के हर पहलू को विस्तार से समझेंगे, जिसमें इसकी विशेषताएँ, तकनीकी कार्यप्रणाली, फायदे, और भविष्य की संभावनाएँ शामिल हैं।
एयरटेल की AI-पावर्ड फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम क्या है?
एयरटेल का AI-पावर्ड फ्रॉड डिटेक्शन सॉल्यूशन एक अत्याधुनिक तकनीक है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग का उपयोग करके ऑनलाइन धोखाधड़ी और स्कैम से यूज़र्स को बचाती है। यह सिस्टम रियल-टाइम में मालिशियस वेबसाइट्स और लिंक को स्कैन करके ब्लॉक करता है, जो विभिन्न डिजिटल प्लेटफॉर्म्स जैसे ईमेल, SMS, वेब ब्राउज़र, और OTT ऐप्स (जैसे WhatsApp, Telegram, Facebook, Instagram) के ज़रिए आ सकते हैं।
यह सॉल्यूशन 15 मई 2025 को लॉन्च किया गया और फिलहाल यह हरियाणा सर्कल में उपलब्ध है, लेकिन जल्द ही इसे पूरे भारत में रोल आउट किया जाएगा। यह सिस्टम एयरटेल के पिछले AI-पावर्ड स्पैम डिटेक्शन सॉल्यूशन (सितंबर 2024 में लॉन्च) का विस्तार है, जो स्पैम कॉल्स और मैसेज को रोकने के लिए बनाया गया था।
एयरटेल के फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम की विशेषताएँ
इस सिस्टम में कई अनूठी विशेषताएँ हैं जो इसे साइबर खतरों से लड़ने में प्रभावी बनाती हैं:
रियल-टाइम मालिशियस वेबसाइट ब्लॉकिंग: जब कोई यूज़र मालिशियस वेबसाइट पर जाने की कोशिश करता है, तो सिस्टम तुरंत उसका एक्सेस ब्लॉक कर देता है और यूज़र को एक चेतावनी पेज पर रीडायरेक्ट करता है, जहाँ ब्लॉक करने का कारण बताया जाता है।
यह सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स (ईमेल, SMS, ब्राउज़र, WhatsApp, Telegram, आदि) पर काम करता है।
DNS-आधारित डोमेन फ़िल्टरिंग: सिस्टम DNS (डोमेन नेम सिस्टम) क्वेरीज़ को स्कैन करता है और उन्हें ग्लोबल और एयरटेल के अपने थ्रेट डेटाबेस के आधार पर जाँचता है। अगर कोई डोमेन मालिशियस पाया जाता है, तो उसे तुरंत ब्लॉक कर दिया जाता है।
मल्टी-लेयर सिक्योरिटी: यह सिस्टम मल्टी-टियर इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म पर काम करता है, जिसमें कई स्तरों पर स्कैनिंग और फ़िल्टरिंग होती है। यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी खतरा यूज़र तक न पहुँचे।
ऑटोमैटिक और मुफ्त: यह सेवा सभी एयरटेल यूज़र्स के लिए अपने-आप एक्टिवेट हो जाती है, बिना किसी अतिरिक्त लागत या ऐप डाउनलोड के। यह बैकग्राउंड में साइलेंटली काम करती है, जिससे यूज़र का अनुभव बाधित नहीं होता।
विस्तृत कवरेज: यह सिस्टम SMS और कॉल्स तक सीमित नहीं है, बल्कि यह OTT ऐप्स, ईमेल, वेब ब्राउज़र, और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स (WhatsApp, Telegram, Instagram, Facebook) पर भी मालिशियस लिंक को ब्लॉक करता है।
उच्च सटीकता: छह महीने की ट्रायल अवधि में इस सिस्टम ने उच्च सटीकता हासिल की है। यह ग्लोबल थ्रेट रिपॉजिटरीज़ और एयरटेल के अपने डेटाबेस का उपयोग करके खतरों को रियल-टाइम में स्कैन करता है।
एयरटेल का AI-पावर्ड फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम कैसे काम करता है?
यह सिस्टम एक मल्टी-लेयर AI-आधारित थ्रेट डिटेक्शन प्लेटफॉर्म पर काम करता है, जो निम्नलिखित चरणों में ऑनलाइन खतरों को पहचानता और ब्लॉक करता है:
इंटरनेट ट्रैफिक स्कैनिंग: सिस्टम यूज़र के इंटरनेट ट्रैफिक को रियल-टाइम में स्कैन करता है। यह हर DNS क्वेरी और लिंक को जाँचता है, चाहे वह किसी भी प्लेटफॉर्म (SMS, ईमेल, OTT ऐप्स, या ब्राउज़र) से आए।
थ्रेट डेटाबेस के साथ क्रॉस-चेकिंग: यह ग्लोबल थ्रेट रिपॉजिटरीज़ और एयरटेल के अपने ब्लैकलिस्टेड URLs डेटाबेस के साथ लिंक को क्रॉस-चेक करता है। अगर कोई लिंक मालिशियस पाया जाता है, तो सिस्टम उसे तुरंत ब्लॉक कर देता है।
रियल-टाइम ब्लॉकिंग और रीडायरेक्शन: अगर यूज़र किसी खतरनाक वेबसाइट पर जाने की कोशिश करता है, तो सिस्टम उस पेज को लोड होने से रोकता है और यूज़र को एक चेतावनी पेज पर रीडायरेक्ट करता है, जहाँ खतरे की जानकारी दी जाती है।
असामान्य गतिविधियों की पहचान: सिस्टम असामान्य व्यवहार, जैसे बार-बार IMEI नंबर बदलना, को भी पकड़ लेता है, जो धोखाधड़ी का संकेत हो सकता है।
क्षेत्रीय भाषा समर्थन: यह सिस्टम 10 भारतीय भाषाओं (हिंदी, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, पंजाबी, तमिल, तेलुगु, उर्दू) में अलर्ट भेजता है, जिससे स्थानीय यूज़र्स को समझने में आसानी होती है।
एयरटेल के स्पैम डिटेक्शन सिस्टम से कनेक्शन
एयरटेल ने सितंबर 2024 में AI-पावर्ड स्पैम डिटेक्शन सॉल्यूशन लॉन्च किया था, जो स्पैम कॉल्स और मैसेज को रोकने के लिए डिज़ाइन किया गया था। यह सॉल्यूशन निम्नलिखित तरीकों से काम करता था:
- रियल-टाइम स्कैनिंग: हर दिन 1.5 अरब मैसेज और 2.5 अरब कॉल्स को प्रोसेस करता है, जो 1 ट्रिलियन डेटा रिकॉर्ड्स के बराबर है।
- स्पैम की पहचान: यह 250 पैरामीटर्स (जैसे कॉलर का व्यवहार, कॉल की फ्रीक्वेंसी, अवधि, आदि) का विश्लेषण करके 100 मिलियन स्पैम कॉल्स और 3 मिलियन स्पैम मैसेज को रोज़ाना ब्लॉक करता है।
- डुअल-लेयर प्रोटेक्शन: इसमें नेटवर्क और आईटी सिस्टम स्तर पर दो फ़िल्टर होते हैं, जो हर कॉल और मैसेज को स्कैन करते हैं।
नया फ्रॉड डिटेक्शन सॉल्यूशन इस स्पैम डिटेक्शन सिस्टम का विस्तार है। जहाँ स्पैम डिटेक्शन सिस्टम कॉल्स और मैसेज पर फोकस करता था, वहीं फ्रॉड डिटेक्शन सॉल्यूशन मालिशियस वेबसाइट्स और लिंक पर केंद्रित है, जो सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को कवर करता है।
एयरटेल के CEO का बयान
एयरटेल के वाइस चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर, गोपाल विट्टल, ने इस सॉल्यूशन को लॉन्च करते हुए कहा:
“पिछले कुछ सालों में, हमने कई ऐसे मामले देखे हैं जहाँ हमारे ग्राहक चालाक अपराधियों का शिकार हुए हैं। हमारी इंजीनियरिंग टीम ने इस समस्या को हल करने के लिए AI-पावर्ड फ्रॉड डिटेक्शन सॉल्यूशन विकसित किया है। हमारा मानना है कि यह हमारे ग्राहकों को इंटरनेट ब्राउज़ करते समय पूरी तरह से मानसिक शांति देगा। हमारा AI-आधारित टूल इंटरनेट ट्रैफिक को स्कैन करता है, ग्लोबल और हमारे अपने डेटाबेस के साथ जाँच करता है, और मालिशियस वेबसाइट्स को ब्लॉक करता है। छह महीने के ट्रायल में इसने उल्लेखनीय सटीकता हासिल की है।”
कितनी तेज़ी से काम करता है यह सिस्टम?
एयरटेल का फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम अपनी गति और क्षमता के लिए जाना जाता है:
- यह रियल-टाइम में इंटरनेट ट्रैफिक को स्कैन करता है, जिसमें हर DNS क्वेरी और लिंक शामिल है।
- यह मिलीसेकंड्स में मालिशियस वेबसाइट्स को ब्लॉक कर देता है, जिससे यूज़र को तुरंत सुरक्षा मिलती है।
- छह महीने के ट्रायल में इसने 97% से अधिक सटीकता हासिल की है, जो इसे अत्यधिक विश्वसनीय बनाता है।
एयरटेल के फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम से मिलने वाले फायदे
फायदा | विवरण |
---|---|
मुफ्त और ऑटोमैटिक | सभी यूज़र्स के लिए मुफ्त और अपने-आप एक्टिवेट, बिना ऐप डाउनलोड के। |
विस्तृत कवरेज | ईमेल, SMS, OTT ऐप्स, और ब्राउज़र पर मालिशियस लिंक को ब्लॉक करता है। |
रियल-टाइम प्रोटेक्शन | मिलीसेकंड्स में खतरनाक वेबसाइट्स को ब्लॉक करता है। |
उच्च सटीकता | 97% से अधिक सटीकता के साथ थ्रेट्स को पहचानता है। |
प्राइवेसी की गारंटी | यूज़र डेटा को स्टोर नहीं करता, प्राइवेसी का पूरा ध्यान रखता है। |
अन्य टेलीकॉम कंपनियों और समाधानों से तुलना
एयरटेल का यह सॉल्यूशन कई मायनों में अन्य टेलीकॉम कंपनियों और थर्ड-पार्टी ऐप्स (जैसे Truecaller) से बेहतर है:
- नेटवर्क-लेवल प्रोटेक्शन: Truecaller जैसे ऐप्स यूज़र के डिवाइस पर काम करते हैं और ऐप इंस्टॉलेशन की ज़रूरत होती है, जबकि एयरटेल का सॉल्यूशन नेटवर्क स्तर पर काम करता है, जिससे सभी डिवाइस (यहाँ तक कि फीचर फोन्स, भविष्य में) कवर हो सकते हैं।
- विस्तृत कवरेज: यह सॉल्यूशन केवल कॉल्स और SMS तक सीमित नहीं है, बल्कि OTT ऐप्स, ईमेल, और ब्राउज़र को भी कवर करता है।
- मुफ्त और ऑटोमैटिक: अन्य टेलीकॉम कंपनियाँ (जैसे Jio, Vi) अभी तक ऐसी व्यापक AI-आधारित सेवा नहीं दे रही हैं।
- उच्च सटीकता: छह महीने के ट्रायल में 97% से अधिक सटीकता इसे अन्य समाधानों से अलग बनाती है।
सरकारी दिशा-निर्देश और सहयोग
एयरटेल का यह सॉल्यूशन Telecom Regulatory Authority of India (TRAI) और Department of Telecommunications (DoT) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप है। TRAI ने जून 2024 में सभी टेलीकॉम ऑपरेटर्स को AI/ML-आधारित स्पैम डिटेक्शन सिस्टम लागू करने का निर्देश दिया था। एयरटेल इस दिशा में अग्रणी रहा है।
इसके अलावा, एयरटेल ने अन्य टेलीकॉम ऑपरेटर्स (Jio, Vi, BSNL) के साथ B2B डेटा शेयरिंग की पेशकश की है ताकि वैध कॉल्स (जैसे Swiggy, Zomato) को स्पैम के रूप में गलती से ब्लॉक न किया जाए। एयरटेल ने यह भी कहा है कि वह स्पैमर्स की जानकारी TRAI और DoT के साथ साझा करने के लिए तैयार है ताकि उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सके।
चुनौतियाँ और सीमाएँ
हालांकि यह सॉल्यूशन अत्यधुनिक है, लेकिन इसमें कुछ सीमाएँ हैं:
- OTT ऐप्स पर सीमित नियंत्रण: WhatsApp और Telegram जैसे OTT ऐप्स पर स्पैम को पूरी तरह रोकना मुश्किल है, क्योंकि इन्हें अलग से रेगुलेट करने की ज़रूरत है।
- फीचर फोन्स के लिए सपोर्ट: फिलहाल यह स्मार्टफोन्स और ब्रॉडबैंड यूज़र्स के लिए है, लेकिन फीचर फोन्स के लिए सपोर्ट पर काम चल रहा है।
- अंतरराष्ट्रीय स्पैम: यह सिस्टम भारतीय नेटवर्क पर लागू होता है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्पैम कॉल्स (विशेष रूप से दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों से) को रोकने के लिए अतिरिक्त उपायों की ज़रूरत है।
यूज़र्स के लिए सुझाव
एयरटेल का यह सॉल्यूशन यूज़र्स को साइबर खतरों से बचाने में बहुत प्रभावी है, लेकिन कुछ सावधानियाँ बरतना ज़रूरी है:
- चेतावनी पेज को पढ़ें: अगर आप किसी ब्लॉक की गई वेबसाइट पर रीडायरेक्ट होते हैं, तो चेतावनी पेज को ध्यान से पढ़ें और उस लिंक से बचें।
- संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें: भले ही सिस्टम मालिशियस लिंक को ब्लॉक करता हो, फिर भी संदिग्ध मैसेज या ईमेल में दिए गए लिंक पर क्लिक करने से बचें।
- DND सेवा का उपयोग: प्रमोशनल कॉल्स से बचने के लिए Do Not Disturb (DND) सेवा में रजिस्टर करें।
- स्पैम की रिपोर्टिंग: अगर कोई मालिशियस लिंक या स्कैम सिस्टम द्वारा नहीं पकड़ा जाता, तो उसे एयरटेल को रिपोर्ट करें।
भविष्य की संभावनाएँ
एयरटेल का यह फ्रॉड डिटेक्शन सॉल्यूशन डिजिटल सुरक्षा के क्षेत्र में एक मील का पत्थर है, और इसके भविष्य में और बेहतर होने की संभावना है:
- राष्ट्रीय रोलआउट: हरियाणा के बाद जल्द ही यह पूरे भारत में उपलब्ध होगा।
- और सटीकता: AI और मशीन लर्निंग में प्रगति के साथ, यह सिस्टम नए प्रकार के स्कैम को और तेज़ी से पकड़ सकेगा।
- फीचर फोन्स के लिए सपोर्ट: एयरटेल फीचर फोन्स के लिए इस सेवा को लॉन्च करने की योजना बना रहा है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के यूज़र्स को भी लाभ होगा।
- अंतरराष्ट्रीय सहयोग: ग्लोबल थ्रेट डेटाबेस के साथ और सहयोग से अंतरराष्ट्रीय स्पैम और स्कैम को रोका जा सकता है।
- कस्टमाइज़ेशन: भविष्य में यूज़र्स को यह विकल्प मिल सकता है कि वे किन प्रकार के लिंक या वेबसाइट्स को ब्लॉक करना चाहते हैं।
निष्कर्ष
एयरटेल का AI-पावर्ड फ्रॉड डिटेक्शन सॉल्यूशन भारत के 38 करोड़ से अधिक यूज़र्स के लिए एक क्रांतिकारी कदम है। यह सिस्टम न केवल मालिशियस वेबसाइट्स और लिंक को रियल-टाइम में ब्लॉक करता है, बल्कि सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर व्यापक सुरक्षा प्रदान करता है। इसकी मुफ्त और ऑटोमैटिक प्रकृति इसे हर यूज़र के लिए सुविधाजनक बनाती है, जबकि इसकी उच्च सटीकता और गति इसे विश्वसनीय बनाती है।
एयरटेल की यह पहल न केवल साइबर खतरों से बचाने में मदद करेगी, बल्कि भारत में डिजिटल सुरक्षा के लिए एक नया मानक स्थापित करेगी। जैसे-aparte AI और डेटा एनालिटिक्स में प्रगति होगी, यह सॉल्यूशन और भी स्मार्ट और प्रभावी बनेगा, जिससे यूज़र्स को एक सुरक्षित और विश्वसनीय डिजिटल अनुभव मिलेगा।
विशेषताओं और फायदों की तालिका
विशेषता/फायदा | विवरण |
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रियल-टाइम ब्लॉकिंग | मालिशियस वेबसाइट्स को मिलीसेकंड्स में ब्लॉक करता है। |
विस्तृत कवरेज | ईमेल, SMS, OTT ऐप्स, और ब्राउज़र पर काम करता है। |
DNS फ़िल्टरिंग | DNS क्वेरीज़ को ग्लोबल और अपने डेटाबेस के आधार पर जाँचता है। |
मुफ्त और ऑटोमैटिक | बिना ऐप या लागत के सभी यूज़र्स के लिए एक्टिवेट। |
उच्च सटीकता | 97% से अधिक सटीकता के साथ थ्रेट्स को पहचानता है। |
क्षेत्रीय भाषा समर्थन | 10 भारतीय भाषाओं में अलर्ट। |