
अगर आप टेक्नोलॉजी में रूचि रखते हैं तो आप “Domain Name” के बारे में जानते होंगे। यहाँ हम Domain Name Kya Hai इसकी पूरी जानकारी आपको देंगे। तो आइये जानते हैं डोमेन नेम क्या है?
Domain Name Kya Hai?
डोमेन नेम आपकी वेबसाइट का नाम है। सीधे शब्दों में कहें तो जो आपके वेबसाइट के यूआरएल का नाम है उसे ही डोमेन नेम कहते हैं। डोमेन नाम एक पता होता है जिसे उपयोगकर्ता आपके वेबसाइट को एक्सेस कर सकता है। डोमेन नाम का प्रयोग इंटरनेट से जुड़े किसी कंप्यूटर की पहचान और खोज करने के लिए की जाती है।
अब कंप्यूटर आईपी एड्रेस का उपयोग करता है जो नंबर के कुछ सीरीज होते हैं। और इंसान के लिए ये कई स्ट्रिंग्स याद रखना मुश्किल है। ऐसा करने के लिए हम कह सकते हैं कि डोमेन नेम को इसिलिए डेवलप किया गया की इंसान को ये नंबर्स ऑफ स्ट्रिंग्स (आईपी एड्रेस) याद रखने की जरूरत न पड़े।
तो हम कह सकते हैं की डोमेन नाम वर्ड्स लेटर्स और नंबर से तयार होता है जिसके लिए हमें सर्वर के आईपी पता को याद रखना ही जरूरी नहीं होता है। जैसे की आप ब्राउजर में आप टाइप करते हैं nitishverma.com जो यूजर को एक डेडिकेटेड सर्वर आईपी (104.27.13.97) पर ट्रांसफर कर देता है, और आपके सामने साइट ओपन हो जाती है।
अब डोमेन नेम के के कॉम्पोनेंट्स को समझना जरुरी है। आखिर एक डोमेन में क्या होता है।
डोमेन नेम में कौन से कॉम्पोनेन्ट होते हैं?
एक डोमेन नेम जो स्ट्रिंग्स डॉट (.) से सेपरेट होते हैं। जो 2 या 3 पार्ट में हो सकता है ये आपकी वेबसाइट पर निर्भर करता है। मैं समझाता हूं कन्फ्यूज होने की जरूरत नहीं है।
डोमेन नेम का General Syntax Structure होता है। जो machine_name.subdomain.domain.tld इस तरह से होता है।
उदाहरण के लिए मेरी वेबसाइट का डोमेन देखें।
www: Machine Name
Nitishverma: Midlevel Domain
.COM: TLD top level domain
डोमेन नेम में कितने कॉम्पोनेन्ट होते हैं?
1. Machine Name – www मशीन का नाम है। वैसा अब इस्का प्रयोग लगभाग खतम ही हो रहा अही। और सच कहीं तो इसकी जरुरत भी नहीं है। “www” आपकी साइट के एचटीएमएल फाइल के बारे में बताता है। जैसे ‘एफ़टीपी’ अदर सर्वर पे फाइल को ट्रांसफर करने के लिए होता है।
2. Mid Level Domain– मिड लेवल डोमेन नेम का सब डोमेन पार्ट पार्ट होता है। ये आपके डोमेन का सबसे पहचानने योग्य हिस्सा होता है, साथ ही ये आपके डोमेन को दूसरे डोमेन से अलग करता है। जैसे एक उदाहरण के लिए en.m.wikipedia.org ‘विकिपीडिया’ पेरेंट मिड लेवल डोमेन है और ‘en’ और ‘m’ सब डोमेन हैं जो अंग्रेजी वर्जन और मोबाइल वर्जन को दर्शाते हैं।
3. Top Level Domain (TLD)– TLD डोमेन नेम का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है। TLD डोमेन नेम का सबसे लास्ट हिसा होता है। जो आपकी साइट को सर्च इंजन में रैंक करने में बहुत मददगार साबित होता है। टॉप लेवल डोमेन जैसे आपके .COM, .ORG के बारे में पता ही होगा। देश के साथ से भी टीएलडी अलग होते हैं जैसे .IN, .CO.IN अब कुछ नए जेनेरिक टीएलडी की जो बहुत फेमस हो रहे हैं। जैस .GURU .Me .Today
Best and Popular TLD’s
- .COM (Commercial )
- .ORG
- .NET (NETWORK)
- .GOV(GOVERNMENT)
- .BIZ(BUSSINESS )
gTLD और ccTLD डोमेन नेम में क्या अंतर है?
gTLD- जेनेरिक टॉप लेवल डोमेन किसी भूगोल या देश के आधार पर नहीं होते हैं। और ये सर्च इंजन में जल्दी रैंक की जाती हैं। अगर किसी ब्लॉग या वेबसाइट को विश्व स्तर पर रैंक करना है तो उन्हें जीटीएलडी डोमेन इस्तेमाल करनाचाहिए । उदाहरण के लिए .com, .net, .org, .info आदि।
ccTLD- Country Code Top level Domain विशेष किसी क्षेत्र या देश को लक्ष्य करता है। उदाहरण के लिए .co.in, .au, .pk आदि ये किसी देश के दो अक्षर आईएसओ कोड पर आधार होता है।
डोमेन नाम का इतिहास
1995 से पहले डोमेन नाम पंजीकृत करना बिलकुल फ्री था आपको इसके लिए कोई चार्ज नहीं देने होंगे। कोई भी व्यक्ति डोमेन पंजीकृत कर सकता था मुफ्त में। उस समय मुझे किसी डोमेन रजिस्ट्रार की भी जरुरत नहीं पड़ी थी।
इसके बाद बहुत कुछ बदल गया, एनएसएफ (नेशनल साइंस फाउंडेशन) से सम्मानित टेक कंपनी नेटवर्क सॉल्यूशंस को ये जिमेदारी दी गई की डोमेन नेम के रजिस्ट्रेशन के लिए चार्ज लिया जाए। इस तरह से नेटवर्क सॉल्यूशंस दुनिया की पहली डोमेन रजिस्ट्रार कंपनी बन गई।
इसके बाद 1998 में डीएनएस को पूरी तरह से यूएस गवर्नमेंट कंट्रोल करने लग गया।उस समय राष्ट्रपति क्लिंटन के साथ हुए बहस और तर्कों के बाद डीएनएस का आंशिक रूप से निजीकरण कर दिया गया और एक गैर-लाभकारी संस्था बना गया जिस्का नाम दिया गया आईसीएएनएन। सबसे पहला डोमेन 15 मार्च 1985 को Symbolics Inc ने सिंबलिक्स.कॉम के नाम से डोमेन बुक करवाया था। 1985-1988 के लिए कुल 300 डोमेन पंजीकृत हुए।
ICANN क्या है?
ICANN का फुल फॉर्म है Internet Corporation for assigned names and Numbers.
जो सरकार से स्वतंत्र काम करता है और डोमेन नाम पंजीकरण के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिशानिर्देश और नीति विकसित करता है।
आईसीएएनएन ग्लोबल डीएनएस पर काम करता है। नया टीएलडी बनाता है कर्ता है। रूट नेम सर्वर को ऑपरेट करता है, साथ ही क्षेत्रीय इंटरनेट रजिस्ट्रियां के लिए आईपी स्पेस और आईपी ब्लॉक मैनेज और असाइन करती है।
यहाँ मैं आपको बता दूं की आईसीएएनएन डोमेन पंजीकृत नहीं करता। ये डोमेन रजिस्ट्रार कंपनी जैसे गो डैडी को अधिकृत करते हैं जो आपसे फीस लेकर डोमेन को बेचते हैं या वितरित करते हैं।
Top Domain Registrar Companies
Domain Name Registrar | Website Domain Names |
Godaddy | Godaddy.com |
eNom | Namecheap.com |
Tucows | Hover.com |
Network Solutions | Networksolutions.com |
1&1 Internet | 1and1.com |
HiChina | Net.cn |
Directi Internet Solutions | Bigrock.com |
eName | Ename.net |
GMO Internet | Onamae.com |
Reseller Club | india.resellerclub.com |
Google Domains |
डोमेन नेम और यूआरएल में क्या फर्क है?
डोमेन नाम और यूआरएल सेम नहीं होता। डोमेन नाम एक छोटा सा हिसा होता जबकी यूआरएल में एक पूरा पता होता है। यूआरएल का मतलब है यूनिफॉर्म रिसोर्स लोकेटर। यूआरएल के अंदर मशीन का नाम, फोल्डर का नाम, पेज का पता और प्रोटोकॉल की भाषा जैसी सभी की जानकारी होती है।
जैस: http://www.nitishverma.com/
http://www.nitishverma.com/hi-i-am-google-e-book-free-download/
डोमेन नाम खरीदने के लिए कुछ उपयोगी टिप्स
- हमेशा शॉर्ट डोमेन नेम को चुनें करें जो याद रखने में आसान हो। बहुत लम्बा डोमेन नेम का चुनाव ना करें।
- डोमेन नेम ऐसा चुने जो आसानी से याद रखा जा सके। साथ ही बोलने और टाइप करने में आसन हो।
- आपका डोमेन किसी दुसरे से मिला जुला ना हो कहने का मतलब डोमेन नाम अद्वितीय होना चाहिए।
- कोशिश करें की डोमेन नेम में स्पेशल कैरेक्टर या नंबर्स का यूज ना हो।
- टॉप लेवल डोमेन का चुनाव किजिये। जिससे ग्लोबल आइडेंटिटी बने।
- आपका डोमेन नेम आपके बिजनेस से मिला जुला होना चाहिए ताकि आप अपने ब्रांड को आगे बढ़ा सकें।
Domain Name Registration:
एक डोमेन नाम प्राप्त करने के लिए, डोमेन पंजीकरण प्रक्रिया से गुजरना होगा। इस प्रक्रिया में उपलब्ध डोमेन नाम का चयन करना, आवश्यक जानकारी प्रदान करना और डोमेन रजिस्ट्रार को पंजीकरण शुल्क का भुगतान करना शामिल है। रजिस्ट्रार मान्यता प्राप्त संस्थाएं हैं जो डोमेन नाम के प्रबंधन और आवंटन के लिए जिम्मेदार हैं। वे डोमेन नाम, आईपी पते और पंजीकरणकर्ता विवरण का डेटाबेस बनाए रखते हैं।
डोमेन पंजीकरण के लिए आमतौर पर निम्नलिखित चरणों की आवश्यकता होती है:
- एक डोमेन नाम चुनें: एक अद्वितीय और प्रासंगिक डोमेन नाम चुनें जो आपकी वेबसाइट या ब्रांड के उद्देश्य से मेल खाता हो।
- उपलब्धता जांचें: डोमेन पंजीयक के खोज टूल का उपयोग करके सत्यापित करें कि वांछित डोमेन नाम उपलब्ध है या नहीं।
- एक टीएलडी चुनें: दर्शकों, उद्देश्य और ब्रांड पहचान जैसे कारकों पर विचार करते हुए अपनी वेबसाइट के लिए सबसे उपयुक्त टीएलडी चुनें।
- पंजीकरण विवरण प्रदान करें: अपना नाम, संपर्क जानकारी और भुगतान विवरण सहित पंजीकरण फॉर्म को पूरा करें।
- डोमेन स्वामित्व: सुनिश्चित करें कि डोमेन आपके नाम या आपके संगठन के नाम के तहत पंजीकृत है, इस पर नियंत्रण और कानूनी अधिकार बनाए रखता है।
- नवीनीकरण: डोमेन नामों की समाप्ति तिथि होती है, आमतौर पर एक से दस वर्ष तक। समाप्ति और संभावित नुकसान से बचने के लिए अपने डोमेन का नियमित नवीनीकरण करें।
मुझे उम्मीद है जो नए ब्लॉगर्स हैं या जो नई वेबसाइट या ब्लॉग बनाना चाहते हैं। उनके लिए ये पोस्ट Domain Name Kya Hai को पढ़ कर डोमेन को समझना आसन हो गया होगा। अगर आपको डोमेन से संबंधित कोई भ्रम है या प्रश्न है तो हमें कमेंट करें। अगर डोमेन खरीद करने को लेकर कोई समस्या आ रही है तो हमसे संपर्क करें । पोस्ट को शेयर किजिये जिस्से दूसरों को भी ये जानकारी मिल सके।
Hello guys very informative information thank you for sharing
Sir expaire doamin par ek article post kijiye kis tarah ka expire domain buy karna chahiye or agar us domain ka adsense desable hua ho to kya hame us pe dobara approval milega?