2024- ऑन-पेज एसईओ हिंदी गाइड | On Page SEO Kya Hai Kaise Kare Hindi Guide
2024 में डिजिटल मार्केटिंग की दुनिया में एसईओ (SEO) का महत्व पहले से भी ज्यादा बढ़ गया है। ऑन-पेज एसईओ (On Page SEO), जो कि वेबसाइट के अंदरूनी तत्वों को ऑप्टिमाइज करने पर ध्यान केंद्रित करता है, किसी भी वेबसाइट की सर्च इंजन रैंकिंग को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इस गाइड में, हम ऑन-पेज एसईओ के नवीनतम ट्रेंड्स और 2024 में इसे सही तरीके से कैसे किया जा सकता है, इस पर चर्चा करेंगे।
जैसा की आप जाते हैं आज के मार्केट में बहुत कॉम्पिटिशन है और ये लेवल बदलता ही जा रहा है। इसमे आपकी मदद करता है आप अपनी ऑनलाइन उपस्थिति कैसी रखते हैं।
इसे लिए आपको जरूर होती है अपनी वेबसाइट को अप टू डेट रखने की और उसकी विजिबिलिटी बढ़ाने की। ऐसे में ऑन पेज एसईओ किसी भी वेबसाइट या ब्लॉग के लिए बहुत जरूरी है।
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ऑन-पेज एसईओ क्या है? (On Page SEO Kya Hai?)
ऑन-पेज एसईओ वह प्रक्रिया है जिसके तहत हम वेबसाइट के विभिन्न पहलुओं को ऑप्टिमाइज करते हैं ताकि वे सर्च इंजन के लिए फ्रेंडली हों और उनकी रैंकिंग बढ़ सके। इसमें निम्नलिखित एलिमेंट्स शामिल होते हैं:
- कंटेंट क्वालिटी: गुणवत्ता युक्त और उपयोगी कंटेंट तैयार करना, जो यूजर की जरूरतों को पूरा करे।
- कीवर्ड रिसर्च और प्लेसमेंट: सही कीवर्ड्स की पहचान करना और उन्हें सही जगहों पर इस्तेमाल करना।
- मेटा टैग्स (Meta Tags): मेटा टाइटल और मेटा डिस्क्रिप्शन में कीवर्ड्स का सही तरीके से उपयोग करना।
- URL स्ट्रक्चर: SEO फ्रेंडली URL का निर्माण करना जो सरल और समझने में आसान हो।
- इमेज ऑल्ट टैग्स (Alt Tags): इमेज में ऑल्ट टैग्स का उपयोग करके इमेज को ऑप्टिमाइज करना।
- इंटरनल लिंकिंग (Internal Linking): वेबसाइट के भीतर अन्य पेजेज के लिंक जोड़ना।
- मॉबाइल फ्रेंडलीनेस: वेबसाइट को मोबाइल डिवाइसेज पर फ्रेंडली और रिस्पॉन्सिव बनाना।
2024 के लेटेस्ट ऑन-पेज एसईओ ट्रेंड्स
1. एआई और मशीन लर्निंग का इंटेग्रेशन:
2024 में, गूगल और बिंग जैसे सर्च इंजनों में एआई (Artificial Intelligence) और मशीन लर्निंग (Machine Learning) का इंटेग्रेशन और भी गहराई से हो गया है। इसके कारण सर्च इंजन अब पहले से कहीं अधिक स्मार्ट और यूजर-फ्रेंडली हो गए हैं।
- गूगल SGE (Search Generative Experience): गूगल ने अपने सर्च रिजल्ट्स को और बेहतर बनाने के लिए SGE की शुरुआत की है। यह एआई-संचालित फीचर यूजर्स को प्रश्न पूछने पर विस्तृत और सटीक जानकारी प्रदान करता है। उदाहरण के लिए, अगर आप कोई जटिल सवाल पूछते हैं, तो गूगल SGE उस सवाल के सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए विस्तृत उत्तर देने की कोशिश करता है। इससे यूजर की जरूरतें पूरी होने के साथ-साथ सर्च रिजल्ट्स भी अधिक प्रासंगिक हो जाते हैं।
- बिंग के AI-समर्थित रिजल्ट्स: बिंग ने भी अपने सर्च एल्गोरिद्म में AI का इंटेग्रेशन किया है। बिंग चैटGPT की तरह के जवाब प्रदान करता है, जहां यूजर के सवालों के सटीक और विस्तृत जवाब दिए जाते हैं। बिंग का यह AI इंजन कंटेंट को समझने और बेहतर रिजल्ट्स देने में सक्षम है, जिससे यूजर एक्सपीरियंस को बेहतर किया जा सके।
2. वीडियो कंटेंट का बढ़ता महत्व:
वीडियो कंटेंट 2024 में ऑन-पेज एसईओ का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। यूजर्स वीडियो फॉर्मेट को अधिक पसंद कर रहे हैं, और सर्च इंजन भी वीडियो कंटेंट को प्राथमिकता दे रहे हैं।
- वीडियो ऑप्टिमाइजेशन: वीडियो कंटेंट को सर्च इंजन के लिए ऑप्टिमाइज करना अब जरूरी हो गया है। सही कीवर्ड्स का उपयोग वीडियो टाइटल, डिस्क्रिप्शन, और टैग्स में करें ताकि सर्च इंजन उसे पहचान सके और इंडेक्स कर सके।
- वीडियो ट्रांसक्रिप्ट: वीडियो के साथ ट्रांसक्रिप्ट को शामिल करना भी महत्वपूर्ण है। इससे न केवल यूजर को मदद मिलती है, बल्कि सर्च इंजन भी वीडियो कंटेंट को बेहतर तरीके से समझ पाता है।
3. कोर वेब वाइटल्स (Core Web Vitals):
गूगल के कोर वेब वाइटल्स 2024 में भी सर्च इंजन रैंकिंग का एक प्रमुख फैक्टर बने हुए हैं। ये मेट्रिक्स वेबसाइट के पेज लोडिंग स्पीड, इंटरएक्टिविटी, और विजुअल स्टेबिलिटी को मापते हैं।
- एलसीपी (Largest Contentful Paint): यह मेट्रिक मापता है कि पेज पर सबसे बड़ा कंटेंट एलीमेंट कितनी तेजी से लोड होता है। इसे 2.5 सेकंड से कम समय में लोड होना चाहिए ताकि यूजर एक्सपीरियंस बेहतर हो सके।
- एफआईडी (First Input Delay): यह मापता है कि यूजर द्वारा पेज पर इंटरैक्ट करने पर वेबसाइट कितनी जल्दी प्रतिक्रिया देती है। इसका समय 100 मिलीसेकंड से कम होना चाहिए।
- सीएलएस (Cumulative Layout Shift): यह मापता है कि पेज पर एलिमेंट्स कितने स्थिर रहते हैं, यानी पेज पर कुछ भी क्लिक करने पर डिज़ाइन में कोई अनावश्यक बदलाव नहीं होना चाहिए। एक अच्छा सीएलएस स्कोर 0.1 या उससे कम होता है।
4. वॉइस सर्च ऑप्टिमाइजेशन:
वॉइस सर्च की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है, और 2024 में इसे नजरअंदाज करना संभव नहीं है।
- कंटेंट की संरचना: वॉइस सर्च के लिए कंटेंट को इस प्रकार तैयार करें कि वह नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (NLP) के साथ मेल खा सके। इसका मतलब है कि सवाल-जवाब वाले फॉर्मेट्स (Q&A) और long-tail keywords का उपयोग करें।
- स्निपेट्स: गूगल स्निपेट्स के लिए कंटेंट को ऑप्टिमाइज करना भी आवश्यक है, क्योंकि वॉइस सर्च में अक्सर इन्हीं से जवाब दिया जाता है। इसलिए, सुनिश्चित करें कि आपका कंटेंट सर्च इंजन के लिए स्निपेट्स में शामिल होने योग्य हो।
5. ईएटी (E-A-T) का महत्व:
E-A-T (Expertise, Authoritativeness, and Trustworthiness) अब और भी महत्वपूर्ण हो गया है, खासकर YMYL (Your Money, Your Life) कंटेंट के लिए, जो फाइनेंस, हेल्थ, और सिक्योरिटी से संबंधित होता है।
- Expertise (विशेषज्ञता): सुनिश्चित करें कि आपके कंटेंट को लिखने वाले व्यक्ति या टीम विशेषज्ञता रखते हैं। इसके लिए लेखक की बायो, क्रेडेंशियल्स, और अनुभव को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करना चाहिए।
- Authoritativeness (प्राधिकरण): वेबसाइट की ऑथरिटी बढ़ाने के लिए अच्छे बैकलिंक्स, सोशल मीडिया प्रेसेंस, और अन्य विश्वसनीय स्रोतों से जुड़ें।
- Trustworthiness (विश्वसनीयता): वेबसाइट की विश्वसनीयता सुनिश्चित करें। इसका मतलब है कि आपकी वेबसाइट सुरक्षित हो (HTTPS), कंटेंट स्पष्ट और प्रामाणिक हो, और यूजर के लिए आसानी से उपलब्ध हो।
इन सभी ट्रेंड्स को अपनाकर, 2024 में आपकी वेबसाइट सर्च इंजन रिजल्ट्स पेज (SERP) में उच्च रैंक हासिल कर सकती है और आपके ऑनलाइन विजिबिलिटी को बढ़ा सकती है।
ऑन-पेज एसईओ कैसे करें? (On-Page SEO Basic Guide)
Meta Tags (मेटा टैग्स)
Meta Tags वेबसाइट के SEO में अहम भूमिका निभाते हैं, क्योंकि ये सर्च इंजन को आपके पेज के बारे में जानकारी देते हैं। हालाँकि, टैग्स की अहमियत पहले की तरह नहीं रही, लेकिन सही तरीके से उनका उपयोग करना अभी भी जरूरी है।
मेटा टैग्स क्या हैं?
Meta Tags HTML कोड के छोटे-छोटे अंश होते हैं, जो आपके पेज के हेडर में शामिल होते हैं। ये टैग्स सर्च इंजन और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को बताते हैं कि आपका पेज किस बारे में है। उदाहरण के लिए, जब कोई आपके पेज को सर्च करता है या सोशल मीडिया पर शेयर करता है, तो ये मेटा टैग्स दिखने वाले कंटेंट को नियंत्रित करते हैं।
मेटा टैग्स के प्रकार:
- Meta Title (मेटा टाइटल): यह टैग आपके पेज के टाइटल को निर्धारित करता है, जो सर्च इंजन रिजल्ट्स में सबसे ऊपर दिखाई देता है। यह आपके पेज की पहचान को दर्शाता है।
- Meta Description (मेटा डिस्क्रिप्शन): यह टैग आपके पेज की संक्षिप्त जानकारी देता है, जिसे सर्च इंजन रिजल्ट्स में टाइटल के नीचे दिखाया जाता है। यह यूजर्स को आपके पेज पर क्लिक करने के लिए प्रेरित करता है।
- Meta Keywords (मेटा कीवर्ड्स): यह टैग पेज पर उपयोग किए जाने वाले कीवर्ड्स की सूची को दर्शाता है। हालांकि, वर्तमान में सर्च इंजन इस टैग को रैंकिंग के लिए नहीं देखते, फिर भी इसे शामिल करना हानिकारक नहीं है।
- Robots Meta Tag: यह टैग सर्च इंजन को बताता है कि आपके पेज को इंडेक्स करना है या नहीं। इससे आप कंट्रोल कर सकते हैं कि सर्च इंजन आपके पेज के कौन से हिस्से को इंडेक्स करे और कौन से हिस्से को नहीं।
Meta Tags का सही उपयोग:
- रिलिवेंट कीवर्ड्स शामिल करें: Meta Title और Description में ऐसे कीवर्ड्स का इस्तेमाल करें, जो आपके कंटेंट से मेल खाते हों और जिन्हें लोग ज्यादा सर्च करते हों।
- कस्टमाइज्ड और यूनिक हों: हर पेज के लिए अलग-अलग Meta Title और Description लिखें। इससे सर्च इंजन और यूजर्स दोनों को आपके पेज के बारे में स्पष्ट जानकारी मिलती है।
- टाइटल और डिस्क्रिप्शन की लंबाई: Meta Title को 50-60 कैरेक्टर और Meta Description को 150-160 कैरेक्टर तक सीमित रखें। इससे आपका कंटेंट सर्च रिजल्ट्स में सही से दिखाई देगा।
Meta Tags का सही उपयोग करने से न केवल आपकी वेबसाइट की सर्च इंजन रैंकिंग बेहतर होगी, बल्कि यूजर्स का अनुभव भी सुधरेगा, जिससे आपकी वेबसाइट पर ट्रैफिक बढ़ेगा।
Title Tags (शीर्षक टैग)
Title Tags, ऑन-पेज SEO के सबसे महत्वपूर्ण तत्वों में से एक हैं। ये न केवल सर्च इंजन को आपके पेज के विषय की जानकारी देते हैं, बल्कि वे यूजर्स को भी आकर्षित करते हैं जब वे सर्च रिजल्ट्स में आपका पेज देखते हैं। एक प्रभावी और सटीक Title Tag आपके पेज की रैंकिंग और क्लिक-थ्रू रेट (CTR) दोनों को बढ़ा सकता है।
Title Tag क्या है?
Title Tag एक HTML एलिमेंट है जो आपके वेबपेज के टाइटल को बताता है। यह सर्च इंजन रिजल्ट्स में हेडलाइन के रूप में दिखाई देता है और यूजर्स द्वारा किसी ब्राउज़र टैब पर आपके पेज को खोलने पर भी टॉप पर दिखाई देता है।
Title Tag का महत्व:
- SEO के लिए: सर्च इंजन Title Tag का उपयोग यह समझने के लिए करते हैं कि आपका पेज किस बारे में है। यह आपके पेज को सर्च इंजन रिजल्ट्स में रैंक करने में मदद करता है।
- यूजर्स के लिए: एक आकर्षक और स्पष्ट Title Tag यूजर्स को आपके पेज पर क्लिक करने के लिए प्रेरित करता है। यह आपके कंटेंट की प्रासंगिकता को प्रदर्शित करता है।
Title Tag लिखने के लिए टिप्स:
- प्रमुख कीवर्ड्स शामिल करें: अपने Title Tag में मुख्य कीवर्ड्स का उपयोग करें जो आपके पेज के कंटेंट को सबसे अच्छी तरह से दर्शाते हों। कीवर्ड्स को Title Tag के शुरुआत में रखना बेहतर होता है।
- लंबाई का ध्यान रखें: गूगल आमतौर पर 50-60 कैरेक्टर तक के Title Tag को दिखाता है, इसलिए कोशिश करें कि आपका Title Tag इस सीमा में हो। इससे यह सुनिश्चित होता है कि आपका पूरा शीर्षक सर्च रिजल्ट्स में दिखाई दे।
- डुप्लिकेट टाइटल से बचें: हर पेज के लिए यूनिक Title Tag लिखें। डुप्लिकेट Title Tags से सर्च इंजन को यह समझने में मुश्किल हो सकती है कि कौन सा पेज अधिक महत्वपूर्ण है।
- ब्रांडिंग: यदि आवश्यक हो, तो आप अपने ब्रांड नाम को Title Tag के अंत में जोड़ सकते हैं। यह आपकी ब्रांडिंग को मजबूत करने में मदद करता है।
- यूजर्स के लिए समझदार और आकर्षक बनाएं: Title Tag केवल सर्च इंजन के लिए नहीं, बल्कि यूजर्स के लिए भी होना चाहिए। सुनिश्चित करें कि यह सरल, स्पष्ट और क्लिक करने योग्य हो।
Title Tag का उदाहरण:
<title>2024 में ऑन-पेज SEO कैसे करें - A Complete Guide | आपकी वेबसाइट का नाम</title>
इस उदाहरण में, मुख्य कीवर्ड “2024 में ऑन-पेज SEO कैसे करें” है, और उसके बाद ब्रांड नाम “आपकी वेबसाइट का नाम” शामिल किया गया है। यह Title Tag स्पष्ट, प्रासंगिक और SEO के अनुकूल है।
Title Tags का सही उपयोग न केवल सर्च इंजन रैंकिंग को सुधारता है, बल्कि आपके पेज की CTR को भी बढ़ाता है, जिससे अधिक ट्रैफिक प्राप्त होता है।
Meta Descriptions (मेटा डिस्क्रिप्शन)
Meta Descriptions आपके वेब पेज का एक संक्षिप्त सारांश होते हैं, जो सर्च इंजन रिजल्ट्स में Title Tag के नीचे दिखाई देते हैं। ये डिस्क्रिप्शन यूजर्स को यह समझने में मदद करते हैं कि आपके पेज पर क्या सामग्री है, जिससे वे तय कर सकते हैं कि वे आपके पेज पर क्लिक करेंगे या नहीं। हालांकि Meta Descriptions सीधे तौर पर सर्च इंजन रैंकिंग को प्रभावित नहीं करते, लेकिन एक आकर्षक और सूचनात्मक मेटा डिस्क्रिप्शन आपकी क्लिक-थ्रू रेट (CTR) को बढ़ा सकता है।
Meta Descriptions का महत्व:
- यूजर्स के लिए जानकारी: मेटा डिस्क्रिप्शन यूजर्स को आपके पेज के बारे में संक्षेप में जानकारी देता है। यह उन्हें निर्णय लेने में मदद करता है कि आपके लिंक पर क्लिक करना है या नहीं।
- CTR बढ़ाने के लिए: एक अच्छा मेटा डिस्क्रिप्शन आपके पेज की क्लिक-थ्रू रेट (CTR) को बढ़ाने में सहायक हो सकता है, जिससे आपके पेज पर अधिक ट्रैफिक आ सकता है।
- SEO के लिए अप्रत्यक्ष रूप से महत्वपूर्ण: भले ही मेटा डिस्क्रिप्शन सीधे रैंकिंग को प्रभावित न करें, लेकिन बेहतर CTR से आपके पेज की ऑर्गेनिक रैंकिंग में सुधार हो सकता है।
Meta Descriptions लिखने के लिए टिप्स:
- संक्षिप्त और प्रासंगिक बनाएं: मेटा डिस्क्रिप्शन को संक्षिप्त (डेस्कटॉप के लिए 150-160 कैरेक्टर और मोबाइल के लिए 120-130 कैरेक्टर के बीच) और प्रासंगिक रखें। यह सुनिश्चित करें कि डिस्क्रिप्शन में आपके पेज की मुख्य जानकारी हो।
- प्रमुख कीवर्ड्स शामिल करें: मेटा डिस्क्रिप्शन में महत्वपूर्ण कीवर्ड्स का उपयोग करें, लेकिन इसे प्राकृतिक और पठनीय बनाए रखें। गूगल कभी-कभी मेटा डिस्क्रिप्शन में कीवर्ड्स को बोल्ड कर देता है, जिससे यह यूजर्स की नजरों में आता है।
- यूजर्स को आकर्षित करें: मेटा डिस्क्रिप्शन को इस तरह लिखें कि यह यूजर्स को आपके पेज पर क्लिक करने के लिए प्रेरित करे। इसमें आप कॉल-टू-एक्शन (CTA) का भी उपयोग कर सकते हैं, जैसे “अधिक जानें,” “आज ही पढ़ें,” आदि।
- ब्रांड नाम जोड़ें: यदि संभव हो, तो मेटा डिस्क्रिप्शन के अंत में अपने ब्रांड का नाम शामिल करें। यह आपके ब्रांड की पहचान को मजबूत करने में मदद करता है।
- यूनिक डिस्क्रिप्शन लिखें: हर पेज के लिए यूनिक मेटा डिस्क्रिप्शन लिखें। डुप्लिकेट मेटा डिस्क्रिप्शन से बचें, क्योंकि यह सर्च इंजन और यूजर्स दोनों के लिए भ्रमित कर सकता है।
Meta Description का उदाहरण:
<meta name="description" content="2024 में ऑन-पेज SEO कैसे करें, इसके बारे में जानें। यह गाइड आपको SEO के नवीनतम ट्रेंड्स और टूल्स के साथ आपकी वेबसाइट को सर्च इंजन में बेहतर रैंक दिलाने में मदद करेगी।">
इस उदाहरण में, मेटा डिस्क्रिप्शन संक्षिप्त, प्रासंगिक, और आकर्षक है। इसमें मुख्य कीवर्ड्स “2024 में ऑन-पेज SEO” और “SEO के नवीनतम ट्रेंड्स और टूल्स” का उपयोग किया गया है, जो यूजर्स को पेज पर क्लिक करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
हेडिंग टैग्स (Heading Tags)
हेडिंग टैग्स (H1, H2, H3, आदि) आपके वेब पेज के कंटेंट को व्यवस्थित करने और यूजर्स के लिए इसे अधिक पठनीय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आइए इनके बारे में और विस्तार से जानते हैं:
हेडिंग टैग्स का महत्व क्यों है?
SEO के लिए:
- रैंकिंग: खोज इंजन आपके पेज के हेडिंग टैग्स को देखकर यह समझते हैं कि आपका पेज किस बारे में है। एक अच्छी तरह से संरचित हेडिंग स्ट्रक्चर आपको खोज परिणामों में उच्च रैंक प्राप्त करने में मदद कर सकता है।
- कीवर्ड: अपने मुख्य कीवर्ड को H1 टैग में शामिल करने से खोज इंजन को यह समझने में मदद मिलती है कि आपका पेज किस विषय से संबंधित है।
बढ़िया यूजर एक्सपीयरन्स के लिए:
- पढ़ने योग्य: हेडिंग टैग्स आपके कंटेंट को छोटे-छोटे सेक्शनों में विभाजित करते हैं, जिससे इसे पढ़ना आसान हो जाता है।
- नेविगेशन: यूजर्स आसानी से उस जानकारी को खोज सकते हैं जिसकी उन्हें आवश्यकता है।
- एक्सेसिबिलिटी: स्क्रीन रीडर जैसे सहायक उपकरण हेडिंग टैग्स का उपयोग करके आपके पेज की सामग्री को पढ़ते हैं, जिससे दृष्टिबाधित लोगों के लिए वेबसाइट को अधिक सुलभ बनाया जाता है।
हेडिंग टैग्स का सही तरीके से उपयोग कैसे करें?
- H1 टैग: यह आपके पेज का मुख्य शीर्षक है और इसे केवल एक बार ही उपयोग करना चाहिए।
- H2, H3, H4 आदि: इन टैग्स का उपयोग H1 टैग के नीचे आने वाले उप-शीर्षकों के लिए करें।
- तार्किक क्रम: हेडिंग टैग्स का उपयोग करते समय एक तार्किक क्रम बनाए रखें। उदाहरण के लिए, H2 टैग H1 टैग के नीचे आना चाहिए और H3 टैग H2 टैग के नीचे आना चाहिए।
- कीवर्ड का उपयोग: अपने मुख्य कीवर्ड को H1 टैग में शामिल करें और अन्य हेडिंग टैग्स में संबंधित कीवर्ड का उपयोग करें।
- अधिक प्रयोग से बचें: बहुत अधिक हेडिंग टैग का उपयोग करने से आपके पेज का लेआउट खराब हो सकता है और खोज इंजन को भ्रमित कर सकता है।
हेडिंग टैग्स का एक उदाहरण
मान लीजिए आप एक ब्लॉग पोस्ट लिख रहे हैं जो “ऑन-पेज SEO” के बारे में है। आपका हेडिंग स्ट्रक्चर कुछ इस तरह हो सकता है:
- H1: ऑन-पेज SEO क्या है और इसे कैसे करें?
- H2: शीर्षक टैग का महत्व
- H3: शीर्षक टैग कैसे लिखें
- H2: मेटा विवरण क्या है?
- H3: मेटा विवरण का महत्व
अच्छा URL Strings बनाएं
URL Strings आपके वेब पेज की सर्च इंजन रैंकिंग और यूजर एक्सपीरियंस में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। एक अच्छा URL न केवल सर्च इंजन को समझने में मदद करता है कि पेज किस बारे में है, बल्कि यूजर्स को भी आसानी से नेविगेट करने में मदद करता है।
अगर यूआरएल स्ट्रिंग लिखने की बात करें तो इसे short, concise और आसानी से पढ़ने योग्य होना चाहिए। आइये जानते हैं एक अच्छा यूआरएल स्ट्रिंग कैसे बनाएं?
यहां कुछ महत्वपूर्ण बिंदु हैं जिनका ध्यान रखते हुए आप अपने URLs को ऑप्टिमाइज़ कर सकते हैं:
1. Short and Concise
Length: URL को छोटा और संक्षिप्त बनाएं। लंबे URLs यूजर्स और सर्च इंजन दोनों के लिए मुश्किल हो सकते हैं। स्टडीज से पता चलता है कि छोटे URLs बेहतर रैंक करते हैं।
Example:
- अच्छा:
http://example.com/seo-tips
- बुरा:
http://example.com/blog/how-to-improve-your-seo-with-these-tips-and-tricks
2. Use Hyphens Instead of Underscores
Hyphens: शब्दों को अलग करने के लिए हाइफन (-) का उपयोग करें क्योंकि सर्च इंजन हाइफन को शब्दों के बीच स्पेस के रूप में मानते हैं।
Underscores: अंडरस्कोर (_) को शब्दों के बीच स्पेस के रूप में नहीं समझा जाता है, जिससे सर्च इंजन को URL को समझने में कठिनाई हो सकती है।
Example:
- अच्छा:
http://example.com/seo-tips
- बुरा:
http://example.com/seo_tips
यूआरएल की लंबाई को विश्लेषण करते समय Ahrefs ने पाया को शॉर्ट यूआरएल अच्छा रैंक करता है। स्टडी में यूआरएल की लेंथ और कई फोल्डर्स को देखा गया।
उन्होंने सभी रूट डोमेन को एक फोल्डर के रूप में काउंट किया, और रूट के बाद प्रत्येक back slash को दूसरे फोल्डर के रूप में काउंट किया। कुछ इस तरह से ।
http://abcdxyz.com (Folders = 1)
http://abcdxyz/folder1 (Folders = 2)
http://abcdxyz/folder1/folder2 (Folders = 3)
रिज़ल्ट्स में पाया गया की कम फोल्डर वाले यूआरएल सर्च इंजन में बेहतर रैंक के साथ और भी बेहतर हो गए।
जिस तरह से हम यूआरएल लिखते हैं वो एक एसईओ प्रथा है जिसपर आपको विचार करना चाहिए। आपके यूआरएल के प्रत्येक शब्द को एक हाइफन (-) से अलग किया जाना चाहिए, अंडरस्कोर (_) का इस्तेमाल बिलकुल न करें।
Include Keywords (कीवर्ड्स शामिल करें)
- Primary Keywords: URL में प्राइमरी कीवर्ड का उपयोग करें जो आपके पेज के कंटेंट से संबंधित हो। इससे सर्च इंजन को यह समझने में मदद मिलती है कि आपका पेज किस विषय पर है।
- Example:
http://example.com/best-seo-practices
Avoid Keyword Stuffing (कीवर्ड स्टफिंग से बचें)
- Natural and Readable: URL में कीवर्ड्स को प्राकृतिक तरीके से शामिल करें। ज्यादा कीवर्ड्स जोड़ने से URL पढ़ने में कठिन हो सकता है और यह स्पैम जैसा लग सकता है।
- Example:
- अच्छा:
http://example.com/seo-basics
- बुरा:
http://example.com/seo-tips-best-seo-strategies-seo-tricks
- अच्छा:
Use Canonical Tags and Redirects (कैनोनिकल टैग्स और रीडायरेक्ट्स का उपयोग करें)
- Canonical Tags: यदि एक ही टाइप के कंटेंट वाले कई पेज हैं, तो कैनोनिकल टैग (rel=canonical) का उपयोग करें ताकि सर्च इंजन को पता चले कि कौन सा पेज प्राथमिक है।
- 301 Redirects: पुराने या डुप्लिकेट URLs को नए URLs पर 301 रीडायरेक्ट करें ताकि सर्च इंजन और यूजर्स दोनों को सही पेज पर ले जाया जा सके।
Keep URLs Simple and Descriptive (URL को सरल और वर्णनात्मक बनाएं)
URL को उस पेज के कंटेंट का संक्षिप्त और स्पष्ट वर्णन देना चाहिए। इससे यूजर्स को URL से ही समझ में आना चाहिए कि पेज किस बारे में है।
Example:
- अच्छा:
http://example.com/guide-to-content-marketing
- बुरा:
http://example.com/content-marketing-guide-2024
Avoid Special Characters (विशेष वर्णों से बचें)
URL में विशेष वर्ण (जैसे &, %, $, @, आदि) का उपयोग करने से बचें क्योंकि ये सर्च इंजन और ब्राउज़र में समस्याएँ पैदा कर सकते हैं।
Example:
- अच्छा:
http://example.com/seo-tips
- बुरा:
http://example.com/seo-tips?ref=abc%24
Use Lowercase Letters (लोअरकेस लेटर्स का उपयोग करें)
URLs को लोअरकेस में रखें क्योंकि कई वेब सर्वर केस-संवेदी होते हैं और बड़े और छोटे अक्षरों को अलग मान सकते हैं।
Example:
- अच्छा:
http://example.com/seo-tips
- बुरा:
http://example.com/SEO-TIPS
इन सभी बिंदुओं पर ध्यान देकर, आप अपने URLs को सर्च इंजन और यूजर फ्रेंडली बना सकते हैं, जो आपके SEO प्रयासों को बेहतर बनाएगा और आपकी वेबसाइट की रैंकिंग में सुधार करेगा।
User-Friendly Content (यूजर-फ्रेंडली कंटेंट), Authoritative Content लिखें
गूगल जैसा ही आपके पेज क्रॉल करता है, वो यूजर्स की क्वेरीज को ध्यान में रखता है। इसलिए आपका कंटेंट क्लियर होना चाहिए। आप जिस भी सर्विस या प्रोडक्ट के बारे में लिख रहे हैं। या फिर आप किसी टॉपिक पर ब्लॉग लिख रहे हैं।
User-Friendly Content का मतलब है कि आपका कंटेंट आपके यूजर्स के लिए आकर्षक, समझने में आसान, और उपयोगी हो। यह न केवल आपकी साइट पर ट्रैफिक को बढ़ाता है, बल्कि यूजर इंगेजमेंट और संतोषजनक अनुभव को भी बेहतर बनाता है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण तत्व हैं जो यूजर-फ्रेंडली कंटेंट को सुनिश्चित करने में मदद करेंगे:
Clear and Concise Writing (स्पष्ट और संक्षिप्त लेखन)
- Clarity: अपने कंटेंट को सरल और स्पष्ट भाषा में लिखें। जटिल शब्दों और वाक्यों से बचें ताकि आपके यूजर्स आसानी से समझ सकें कि आप क्या कहना चाह रहे हैं।
- Conciseness: अनावश्यक विवरण से बचें। सीधे बिंदुओं पर जाएं और महत्वपूर्ण जानकारी को जल्दी से प्रस्तुत करें।
Engaging and Relevant Content (आकर्षक और प्रासंगिक कंटेंट)
- Engagement: कंटेंट को ऐसा बनाएं कि वह यूजर्स को आकर्षित करे और उन्हें आपके पेज पर बनाए रखे। दिलचस्प और उपयोगी जानकारी देने से यूजर का ध्यान खींचा जा सकता है।
- Relevance: सुनिश्चित करें कि आपका कंटेंट आपके लक्षित ऑडियंस से संबंधित हो और उनकी जरूरतों और सवालों का उत्तर दे।
Easy-to-Read Format (पढ़ने में आसान प्रारूप)
- Headings and Subheadings: हेडिंग्स और सब-हेडिंग्स का उपयोग करें ताकि पाठकों को आपके कंटेंट को स्कैन करना आसान हो। इससे वे जल्दी से अपनी ज़रूरत की जानकारी खोज सकते हैं।
- Bullet Points and Lists: महत्वपूर्ण बिंदुओं को बुलेट पॉइंट्स या लिस्ट के रूप में प्रस्तुत करें ताकि जानकारी संक्षेप और समझने में आसान हो।
- Short Paragraphs: छोटे पैराग्राफ का उपयोग करें। लंबी और भारी-भरकम पैराग्राफों से पाठक जल्दी बोर हो सकते हैं।
Visual Elements (दृश्य तत्व)
- Images and Graphics: छवियाँ, इन्फोग्राफिक्स, और अन्य ग्राफिकल एलिमेंट्स का उपयोग करें ताकि कंटेंट अधिक आकर्षक और समझने में आसान हो।
- Videos: वीडियो का उपयोग भी आपके कंटेंट को अधिक इंटरैक्टिव बना सकता है और यूजर को बेहतर अनुभव दे सकता है।
Mobile-Friendly Design (मोबाइल-फ्रेंडली डिज़ाइन)
- Responsive Layout: अपने कंटेंट को मोबाइल डिवाइसों के लिए ऑप्टिमाइज़ करें। आजकल अधिकांश यूजर्स मोबाइल पर ब्राउज़ करते हैं, इसलिए आपकी वेबसाइट का मोबाइल फ्रेंडली होना बहुत महत्वपूर्ण है।
Use of Keywords (कीवर्ड्स का उपयोग)
Strategic Placement: कीवर्ड्स का उपयोग करें, लेकिन इसे प्राकृतिक तरीके से शामिल करें। अत्यधिक कीवर्ड स्टफिंग से बचें, क्योंकि इससे कंटेंट की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है।
Call to Action (CTA) (कार्रवाई के लिए कॉल)
Clear CTA: हर कंटेंट पीस में स्पष्ट और प्रभावी कॉल टू एक्शन (CTA) शामिल करें। यह यूजर्स को बताता है कि उन्हें अगला कदम क्या उठाना चाहिए, जैसे कि सब्सक्राइब करना, खरीदारी करना, या संपर्क करना।
Proofreading and Editing (प्रूफरीडिंग और संपादन)
Grammar and Spelling: अपने कंटेंट को अच्छी तरह से प्रूफरीड और संपादित करें ताकि कोई ग्रामर या स्पेलिंग मिस्टेक न हो। गलतियाँ कंटेंट की विश्वसनीयता को नुकसान पहुँचा सकती हैं।
User Experience (UX)
- Navigation: सुनिश्चित करें कि आपकी वेबसाइट या ब्लॉग पर यूजर्स को आसानी से नेविगेट करने में कोई परेशानी न हो।
- Readability: फॉन्ट साइज, रंग, और लाइन स्पेसिंग को सही से सेट करें ताकि पढ़ना आरामदायक हो।
Accessibility (सुलभता)
- Alt Text for Images: इमेजेज़ के लिए ऑल्ट टेक्स्ट का उपयोग करें ताकि वे स्क्रीन रीडर्स और सर्च इंजन द्वारा आसानी से समझे जा सकें।
- Descriptive Links: लिंक के लिए स्पष्ट और वर्णनात्मक टेक्स्ट का उपयोग करें ताकि यूजर जान सके कि वे लिंक पर क्लिक करने पर किस पेज पर जाएंगे।
इन बिंदुओं को ध्यान में रखकर, आप अपने कंटेंट को यूजर-फ्रेंडली बना सकते हैं, जो न केवल यूजर की संतोषजनकता को बढ़ाता है बल्कि आपकी साइट की रैंकिंग और ट्रैफिक में भी सुधार कर सकता है।
Google Algorithm और उनके अपडेट की जानकारी रखें
Google के एल्गोरिदम लगातार बदलते रहते हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि खोज परिणाम उपयोगकर्ताओं के लिए सबसे प्रासंगिक और उपयोगी हों। 2024 में भी, Google ने कई अपडेट जारी किए हैं, जिनका SEO रणनीतियों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।
आइए कुछ प्रमुख अपडेट्स और उनके प्रभावों पर गौर करें:
2024 के प्रमुख अपडेट्स
- कोर अपडेट्स: Google नियमित रूप से कोर अपडेट जारी करता है, जो खोज परिणामों में बड़े पैमाने पर बदलाव ला सकते हैं। ये अपडेट वेबसाइटों को उनकी समग्र गुणवत्ता और उपयोगकर्ता अनुभव के आधार पर रैंक करते हैं।
- BERT अपडेट: BERT (Bidirectional Encoder Representations from Transformers) Google का एक भाषा मॉडल है जो खोज क्वेरी को बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है। यह अपडेट ने प्राकृतिक भाषा की खोज को और अधिक सटीक बना दिया है।
- मूल्य अपडेट: इस अपडेट का उद्देश्य उपयोगकर्ताओं को अधिक मूल्यवान जानकारी प्रदान करने वाली वेबसाइटों को प्राथमिकता देना है।
- मोबाइल-फर्स्ट इंडेक्सिंग: Google अब मोबाइल-फर्स्ट इंडेक्स का उपयोग करता है, जिसका अर्थ है कि वह मुख्य रूप से मोबाइल संस्करण को रैंक करने के लिए देखता है।
Google एल्गोरिदम के साथ अपडेट रहने के लिए क्या करें:
Google सर्च कंसोल: नियमित रूप से Google Search Console की जांच करें ताकि आप अपनी वेबसाइट की प्रदर्शन के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें।
गुणवत्तापूर्ण कंटेंट: हमेशा मूल, उपयोगकर्ता-केंद्रित और उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री बनाएं।
पांडा अपडेट: कम गुणवत्ता वाले या Thin Content से बचें।
रैंकब्रेन: समय-समय पर कंटेंट को अपडेट करें और नेचुरल लैंग्वेज में लिखें।
LSI कीवर्ड: Latent Semantic Indexing (LSI) कीवर्ड का उपयोग करें, जो आपके मुख्य कीवर्ड से संबंधित हैं।
मोबाइल-फ्रेंडली: सुनिश्चित करें कि आपकी वेबसाइट मोबाइल उपकरणों के लिए अनुकूलित है।
पेज स्पीड: अपनी वेबसाइट की लोडिंग गति को बेहतर बनाएं।
यूजर एक्सपीयरेंस : यूजर्स को एक अच्छा अनुभव प्रदान करने पर ध्यान दें।
Keyword Targeted Content बनाएं
Keyword Targeted Content (कीवर्ड-टार्गेटेड कंटेंट)
कंटेंट में कीवर्ड्स को सही तरीके से शामिल करना SEO की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है। कीवर्ड्स को उचित ढंग से इस्तेमाल करने से आपकी वेबसाइट की सर्च इंजन रैंकिंग में सुधार हो सकता है और आपकी सामग्री यूजर्स के लिए अधिक प्रासंगिक बन सकती है।
कीवर्ड-टार्गेटेड कंटेंट आज भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना पहले था। हालांकि, तरीके बदल गए हैं।
पहले की तुलना में अब कीवर्ड-टार्गेटेड कंटेंट को कैसे देखना चाहिए:
- प्रासंगिकता: अब सिर्फ कीवर्ड भरने से काम नहीं चलेगा। कंटेंट को प्राकृतिक और प्रासंगिक होना चाहिए।
- यूजर इंटेंट: यह समझना जरूरी है कि यूजर क्या खोज रहा है। उनके इरादे के अनुसार कंटेंट बनाना चाहिए।
- LSI कीवर्ड: सिर्फ मुख्य कीवर्ड ही नहीं, बल्कि उसके आसपास के LSI (Latent Semantic Indexing) कीवर्ड भी शामिल करने चाहिए।
- कंटेंट गुणवत्ता: कंटेंट की गुणवत्ता अब सबसे महत्वपूर्ण है। उपयोगी, मूल और विस्तृत जानकारी होना जरूरी है।
- यूजर अनुभव: कंटेंट ऐसा होना चाहिए कि यूजर इसे पढ़ने में मजा आए और उन्हें वह जानकारी मिल जाए जो वे ढूंढ रहे हैं।
यहाँ तीन मुख्य प्रकार के कीवर्ड्स पर ध्यान देने की आवश्यकता है:
1. Informational Keywords (जानकारी देने वाले कीवर्ड्स)
ये कीवर्ड्स उन सवालों या समस्याओं से संबंधित होते हैं जिनके जवाब या समाधान यूजर्स खोज रहे होते हैं। ये कीवर्ड्स अक्सर “कैसे करें,” “क्या है,” “सर्वश्रेष्ठ,” आदि जैसे प्रश्नों से जुड़े होते हैं।
अपनी सामग्री में ऐसे कीवर्ड्स का इस्तेमाल करें जो उपयोगकर्ताओं के सवालों के जवाब देने में मदद करें। इससे आपकी साइट पर ट्रैफिक बढ़ सकता है और यूजर्स आपकी साइट को एक विश्वसनीय स्रोत के रूप में देख सकते हैं।
Examples: “कैसे करें SEO,” “ब्लॉगिंग के टिप्स,” “पॉडकास्ट कैसे शुरू करें।”
2. Transactional Keywords (ट्रांजेक्शनल कीवर्ड्स)
ये कीवर्ड्स उन यूजर्स से संबंधित होते हैं जो प्रोडक्ट या सर्विस को खरीदने का इरादा रखते हैं। ये कीवर्ड्स आमतौर पर “खरीदें,” “सर्वश्रेष्ठ दाम,” “ऑनलाइन खरीदारी,” आदि से जुड़े होते हैं।
अपनी प्रोडक्ट या सर्विस की पेजों पर ट्रांजेक्शनल कीवर्ड्स को शामिल करें। इससे आपकी साइट पर आने वाले यूजर्स जो खरीदारी करने के लिए तैयार हैं, उन्हें आपकी साइट पर लाने में मदद मिलती है।
Examples: “सस्ते लैपटॉप खरीदें,” “बेस्ट SEO टूल्स 2024,” “ऑनलाइन कोर्स बुक करें।”
3. Location-Based Keywords (स्थानीय कीवर्ड्स)
ये कीवर्ड्स स्थानीय क्षेत्र या भौगोलिक स्थान से संबंधित होते हैं, और वे उन यूजर्स को लक्षित करते हैं जो अपने क्षेत्र के आधार पर सेवाओं या उत्पादों की तलाश कर रहे होते हैं।
यदि आपकी सेवाएँ या उत्पाद एक विशिष्ट स्थान पर उपलब्ध हैं, तो स्थानीय कीवर्ड्स का उपयोग करें। इससे आप अपनी स्थानीय दर्शकों को लक्षित कर सकते हैं और स्थानीय सर्च रिजल्ट्स में उच्च रैंकिंग प्राप्त कर सकते हैं।
Examples: “दरभंगा में कैफे,” “नई दिल्ली में वेब डिज़ाइन सेवाएँ,” “बिहार में बुक शॉप।” “SEO in Darbhanga Bihar”
Internal Links और Outbound Links बनाएं
लिंक्स आपके एसईओ में अधिक वजन लेकर आते हैं। अच्छे क्वालिटी की वेबसाइट से लिंक मिलने पर आपके डोमेन की अथॉरिटी बड़ी होती है। इसके साथ ही इंटरनल लिंकिंग आपके यूजर को अच्छा एक्सपीरियंस देता है, साथ ही ये एसईओ के लिए भी अच्छा होता है।
लिंकिंग SEO में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है क्योंकि ये आपकी वेबसाइट की उपयोगिता, नेविगेशन और रैंकिंग को प्रभावित करती है। दोनों प्रकार के लिंक्स—इंटरनल और आउबाउंड—की अपने-अपने फायदे और रणनीतिक उपयोग होते हैं।
Internal Links (इंटरनल लिंक्स)
इंटरनल लिंक्स वे लिंक्स हैं जो एक वेबपेज को आपकी वेबसाइट के अन्य पेजों से जोड़ते हैं। ये आपकी साइट के भीतर नेविगेशन को आसान बनाते हैं और उपयोगकर्ताओं को अधिक सामग्री खोजने में मदद करते हैं।
इंटरनल लिंक्स के फायदे
- Enhanced Navigation: यूजर्स को आपके साइट पर आसानी से नेविगेट करने में मदद करता है, जिससे वे अधिक समय तक साइट पर रह सकते हैं।
- Distribute Page Authority: महत्वपूर्ण पेजों पर लिंक करके आप अपनी वेबसाइट के पेजों के बीच लिंक जूस (authority) को वितरित कर सकते हैं।
- Improved Crawling: सर्च इंजन बॉट्स को आपकी साइट को बेहतर तरीके से क्रॉल करने में मदद करता है, जिससे साइट की सभी सामग्री इंडेक्स हो सकती है।
इंटरनल लिंक्स कैसे प्रयोग करें
- Use Descriptive Anchor Text: लिंक करते समय उस पेज के विषय को स्पष्ट रूप से बताने वाला एंकर टेक्स्ट इस्तेमाल करें।
- Link to Relevant Content: संबंधित और उपयोगी कंटेंट को लिंक करें, जिससे यूजर्स के लिए साइट पर नेविगेशन आसान हो।
- Avoid Overlinking: एक ही पेज पर अत्यधिक इंटरनल लिंक्स से बचें। एक अच्छा नियम है कि 2-5 इंटरनल लिंक्स प्रति पेज का उपयोग करें।
Outbound Links (आउटबाउंड लिंक्स)
आउटबाउंड लिंक्स वे लिंक्स हैं जो आपकी वेबसाइट से बाहरी साइटों पर ले जाते हैं। ये आपके कंटेंट में बाहरी स्रोतों या संसाधनों का लिंक देने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
आउटबाउंड लिंक्स के फायदे
- Add Credibility: उच्च गुणवत्ता वाली बाहरी साइटों को लिंक करके आप अपनी कंटेंट की विश्वसनीयता और प्रामाणिकता को बढ़ा सकते हैं।
- Enhance User Experience: उपयोगकर्ताओं को अतिरिक्त जानकारी या संसाधनों तक पहुंच प्रदान करता है, जिससे उनकी जानकारी में सुधार होता है।
- Foster Relationships: बाहरी साइटों को लिंक करना उन साइटों के साथ संबंध स्थापित करने में मदद कर सकता है, जो भविष्य में बैकलिंक और अन्य सहयोग का मार्ग खोल सकता है।
आउटबाउंड लिंक्स कैसे प्रयोग करें ?
- Link to Authoritative Sources: उच्च गुणवत्ता और विश्वसनीय साइटों को लिंक करें जो आपकी सामग्री के विषय से संबंधित हों।
- Use Open in New Tab: आउबाउंड लिंक्स को नए टैब में खोलने के लिए सेट करें ताकि उपयोगकर्ता आपकी साइट छोड़ने के बजाय आपकी साइट पर बने रहें।
- Avoid Excessive Outbound Linking: बहुत अधिक आउबाउंड लिंक्स से बचें, खासकर यदि वे आपकी साइट के उद्देश्य को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकते हैं।
Combining Internal and Outbound Links
- Balanced Approach: अपनी साइट पर इंटरनल और आउबाउंड लिंक्स का संतुलित उपयोग करें। यह सुनिश्चित करता है कि आपकी साइट की आंतरिक लिंक संरचना मजबूत हो और बाहरी साइटों के साथ सही संबंध स्थापित हो।
- Strategic Linking: अपनी सामग्री के अनुसार लिंक बनाएं, जैसे कि शोध लेख में रिफरेंस के रूप में आउबाउंड लिंक और ट्यूटोरियल में संबंधित आंतरिक लिंक्स।
लिंकिंग आपकी SEO रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह आपकी साइट के यूजर एक्सपीयरेंस, सर्च इंजन रैंकिंग और साइट के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता है।
Optimize Your Images (अपनी इमेज को ऑप्टिमाइज़ करें)
इमेज आपकी वेबसाइट को अधिक आकर्षक बनाती हैं, लेकिन अगर उन्हें सही तरीके से ऑप्टिमाइज़ नहीं किया जाए तो वे आपकी वेबसाइट की गति को धीमा कर सकती हैं। आइए जानते हैं कि आप अपनी छवियों को कैसे ऑप्टिमाइज़ कर सकते हैं ताकि वे आपकी वेबसाइट के लिए फायदेमंद साबित हों।
ऑल्ट टैग्स (Alt Tags)
ऑल्ट टैग्स वेब पेज पर मौजूद छवियों के लिए एक वैकल्पिक टेक्स्ट है। यह टेक्स्ट तब दिखाई देता है जब इमेज लोड नहीं हो पाती है या जब कोई उपयोगकर्ता स्क्रीन रीडर का उपयोग कर रहा होता है।
ऑल्ट टैग्स लगाना क्यों महत्वपूर्ण हैं?
- खोज इंजन ऑल्ट टैग्स को पढ़कर समझते हैं कि छवि किस बारे में है।
- दृष्टिबाधित यूजर्स स्क्रीन रीडर के माध्यम से ऑल्ट टैग्स सुन सकते हैं।
- ऑल्ट टैग्स में आपके कीवर्ड्स का उपयोग करके आप अपनी छवियों को खोज परिणामों में रैंक कर सकते हैं।
इमेज में ऑल्ट टैग्स कैसे लगाएं
इमेज के कंटेंट को स्पष्ट और संक्षिप्त रूप से वर्णित करें। इससे न केवल सर्च इंजन को समझने में मदद मिलती है बल्कि स्क्रीन रीडर उपयोगकर्ताओं को भी सहायता मिलती है।
जहां उपयुक्त हो, कीवर्ड्स को ऑल्ट टैग्स में शामिल करें, लेकिन कीवर्ड स्टफिंग से बचें।
“Image” या “Picture” जैसे सामान्य शब्दों का उपयोग करने से बचें।
Example: यदि आपकी इमेज एक सेब की है, तो एक अच्छा ऑल्ट टैग होगा: “Red apple with green leaves on a wooden table”।
कीवर्ड का उपयोग (Keyword Usage)
अपनी छवियों के नाम और डिस्क्रिप्शन में प्रासंगिक कीवर्ड्स का उपयोग करने से खोज इंजन को यह समझने में मदद मिलती है कि छवि किस बारे में है।
कीवर्ड्स का उपयोग करके आप अपनी छवियों को इमेज सर्च में रैंक कर सकते हैं।
इमेज डिस्क्रिप्शन को उपयोगी और जानकारीपूर्ण रखें, जिसमें मुख्य कीवर्ड्स शामिल हों, लेकिन स्वाभाविक रूप से।
इमेज में कीवर्ड का उपयोग कैसे करें?
- इमेज के फाइलनाम को वर्णात्मक और कीवर्ड से युक्त रखें। नाम को हाइफ़न से अलग करें (उदाहरण: “red-apple-green-leaves.jpg”)।
- इमेज डिस्क्रिप्शन को उपयोगी और जानकारीपूर्ण रखें, जिसमें मुख्य कीवर्ड्स शामिल हों, लेकिन स्वाभाविक रूप से।
- कीवर्ड का उपयोग करें, लेकिन इसे बहुत अधिक न करें।
Example: “Healthy-red-apple-on-wooden-table.jpg” जैसे फाइलनाम से इमेज को बेहतर तरीके से अनुक्रमित किया जा सकता है।
Image Size (इमेज साइज)
इमेज साइज का मतलब इमेज की फाइल का आकार है। बड़ी इमेज फाइलें वेबसाइट की लोडिंग स्पीड को धीमा कर सकती हैं, जिससे उपयोगकर्ता अनुभव पर असर पड़ता है।
इमेज साइज कितना रखें
- Resize Images: इमेज को आपकी वेबसाइट के लेआउट के अनुसार उचित आकार में बदलें। बड़े इमेज को छोटे आकार में बदलें।
- Compress Images: इमेज को कम करने के लिए इमेज कम्प्रेशन टूल्स का उपयोग करें जैसे कि TinyPNG या JPEG-Optimizer।
- Use Appropriate File Formats: सही फाइल फॉर्मेट का चयन करें—JPEG के लिए फोटोज और PNG के लिए ग्राफिक्स और चित्रण।
Example: एक इमेज को 100KB से कम साइज में संपीड़ित करें, जिससे लोडिंग स्पीड में सुधार हो।
Additional Tips:
- Responsive Images: अपनी वेबसाइट के लिए रेस्पॉन्सिव इमेज का उपयोग करें, जो विभिन्न स्क्रीन साइजों पर सही तरीके से दिखती हैं।
- Lazy Loading: इमेज लोडिंग को “lazy load” करें, ताकि केवल दृश्य क्षेत्र में आने पर ही इमेज लोड हो।
- Use CDN: Content Delivery Network (CDN) का उपयोग करें ताकि इमेज्स तेजी से लोड हों और साइट की स्पीड बेहतर हो।
इमेज ऑप्टिमाइजेशन से न केवल आपकी वेबसाइट की लोडिंग स्पीड में सुधार होता है बल्कि यह आपकी साइट के SEO और उपयोगकर्ता अनुभव को भी बढ़ाता है।
Site Speed (साइट स्पीड)
वेबसाइट की स्पीड एक महत्वपूर्ण SEO और यूजर एक्सपीयरेंस का पहलू है। एक तेज़ लोडिंग वेबसाइट न केवल यूजर सटिस्फैक्शन को बढ़ाती है बल्कि सर्च इंजन रैंकिंग में भी सुधार करती है। धीमी लोडिंग वेबसाइट्स अक्सर उच्च बाउंस रेट और कम यूजर एंगेजमेंट की वजह बनती हैं।
Optimize Loading Time (लोडिंग टाइम को ऑप्टिमाइज़ करें)
लोडिंग टाइम वह अवधि है जो आपकी वेबसाइट को पूरी तरह से लोड होने में लगती है। इसे ऑप्टिमाइज़ करना आपकी वेबसाइट के प्रदर्शन और उपयोगकर्ता अनुभव को बेहतर बनाता है।
वेबसाइट लोडिंग टाइम को ऑप्टिमाइज़ कैसे करें
Leverage Browser Caching: ब्राउज़र कैशिंग एक तकनीक है जो वेब पेज की रिसोर्सेस (जैसे CSS, JS, और इमेजेज) को ब्राउज़र के कैश में स्टोर करती है, ताकि उपयोगकर्ता जब फिर से वही पेज विजिट करें तो उसे तेज़ी से लोड किया जा सके।
अपने वेबसाइट सर्वर पर कैशिंग पॉलिसी सेट करें और ब्राउज़र कैशिंग के लिए एक्सपायरी टाइम्स निर्धारित करें।
Optimize Plugins & Images: भारी और अनावश्यक प्लगइन्स और इमेजेज साइट की स्पीड को धीमा कर सकते हैं।
केवल आवश्यक प्लगइन्स का उपयोग करें और इमेजेज को संपीड़ित (compress) करके और सही फॉर्मेट में सेव करें।
GZIP Compression: GZIP एक कंप्रेशन तकनीक है जो आपकी वेबसाइट की फाइल्स को कंप्रेस करती है, जिससे फाइल साइज घटती है और लोडिंग टाइम तेजी से होता है।
सर्वर साइड पर GZIP कंप्रेशन को इनेबल करें, जिससे HTML, CSS, और JavaScript फाइल्स को कंप्रेस किया जा सके।
Faster Hosting: होस्टिंग का क्वालिटी आपकी वेबसाइट की स्पीड पर बड़ा प्रभाव डालती है।
एक उच्च गुणवत्ता वाले होस्टिंग प्रोवाइडर का चयन करें जो तेज़ सर्वर रेस्पॉन्स टाइम और बेहतर अपटाइम की गारंटी देता है।
Clean Up HTML & CSS Coding: बेकार और अनावश्यक कोड आपकी वेबसाइट की स्पीड को धीमा कर सकता है।
HTML और CSS को साफ और मिनिफाइड (minified) करें। अनावश्यक स्पेस, कमेंट्स, और कोड को हटाएं।
Reduce Ads: अत्यधिक विज्ञापन आपकी वेबसाइट को धीमा कर सकते हैं।
अपनी साइट पर विज्ञापनों की संख्या को नियंत्रित करें और केवल उच्च गुणवत्ता वाले विज्ञापन नेटवर्क का उपयोग करें।
Minimize Redirects: पेज रेडायरेक्ट्स की वजह से अतिरिक्त HTTP रिक्वेस्ट बनती हैं, जिससे लोडिंग टाइम बढ़ता है।
आवश्यक रेडायरेक्ट्स का ही उपयोग करें और अनावश्यक रेडायरेक्ट्स से बचें।
Tools for Speed Optimization:
- Google PageSpeed Insights: आपकी साइट की स्पीड और परफॉर्मेंस को मापने और सुधारने के सुझाव देने वाला टूल।
- GTMetrix: साइट स्पीड और परफॉर्मेंस एनालिसिस के लिए टूल जो विश्लेषण रिपोर्ट और सुधार के सुझाव प्रदान करता है.
- Pingdom Website Speed Test: साइट की स्पीड टेस्ट करने और प्रदर्शन की विस्तृत रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए एक टूल।
ऑन-पेज SEO को ठीक करने के लिए AI से मदद
AI और मशीन लर्निंग के advancements के साथ, On-Page SEO को ऑप्टिमाइज़ करने के तरीके भी बदल रहे हैं। AI टूल्स और तकनीकें आपकी साइट की सर्च इंजन रैंकिंग और यूजर एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने में मदद कर सकती हैं। यहां कुछ प्रमुख तरीकों पर चर्चा की गई है:
AI-Driven Keyword Research (AI-ड्रिवन कीवर्ड रिसर्च)
- AI Tools: AI बेस्ड कीवर्ड रिसर्च टूल्स जैसे Ahrefs, SEMrush, और Moz AI का उपयोग करके आप बेहतर कीवर्ड्स पहचान सकते हैं। ये टूल्स सर्च वॉल्यूम, कीवर्ड की प्रतिस्पर्धा, और उपयोगकर्ता की खोज प्रवृत्तियों को एनालाइज करते हैं।
- Content Suggestions: AI आपकी कंटेंट की जरूरतों के अनुसार कीवर्ड और विषय सुझा सकता है, जिससे आप अधिक लक्षित और प्रभावी कंटेंट बना सकते हैं।
Content Optimization with AI (AI के साथ कंटेंट ऑप्टिमाइजेशन)
- AI Writing Assistants: AI-आधारित लेखन सहायक, जैसे कि Jasper (पूर्व में Jarvis) और Copy.ai, आपको उच्च गुणवत्ता वाले कंटेंट लिखने में मदद कर सकते हैं। ये टूल्स वर्ड चॉइस, कंटेंट संरचना, और SEO-फ्रेंडली भाषा पर सुझाव देते हैं।
- Natural Language Processing (NLP): NLP तकनीकें आपके कंटेंट को सर्च इंजन के लिए बेहतर तरीके से ऑप्टिमाइज़ करने में मदद करती हैं। ये टेक्नोलॉजी कीवर्ड्स को सही संदर्भ में उपयोग करने में मदद करती हैं और कंटेंट को अधिक समझने योग्य बनाती हैं।
AI-Enhanced Meta Tags (AI-इन्हांस्ड मेटा टैग्स)
- Automated Meta Descriptions: AI टूल्स मेटा टाइटल और डिस्क्रिप्शन को ऑटोमेटेड तरीके से जनरेट कर सकते हैं। ये टूल्स आपके पेज के कंटेंट का विश्लेषण करके SEO-फ्रेंडली मेटा टैग्स तैयार करते हैं।
- Optimized Snippets: AI आपके पेज को रिच स्निपेट्स के लिए ऑप्टिमाइज़ कर सकता है, जिससे आपकी साइट सर्च इंजन रिजल्ट पेज (SERP) में अधिक आकर्षक दिखाई दे।
User Experience and Engagement (यूजर एक्सपीरियंस और एंगेजमेंट)
- AI Analytics: AI-आधारित एनालिटिक्स टूल्स (जैसे Google Analytics और Hotjar) उपयोगकर्ता व्यवहार को ट्रैक करते हैं और UX के सुधार के लिए सुझाव प्रदान करते हैं।
- Predictive Analysis: AI भविष्यवाणी विश्लेषण के माध्यम से उपयोगकर्ता की प्राथमिकताओं और व्यवहार को समझ सकता है, जिससे आप अपनी साइट को बेहतर तरीके से ऑप्टिमाइज़ कर सकते हैं।
Automated Content Updates (ऑटोमेटेड कंटेंट अपडेट्स)
- AI Content Refresh: AI टूल्स पुराने कंटेंट को ट्रैक कर सकते हैं और उसे अपडेट करने के सुझाव दे सकते हैं, जिससे आपका कंटेंट ताजा और प्रासंगिक बना रहता है।
- Content Gaps Analysis: AI कंटेंट गैप्स को पहचान सकता है और सुझाव दे सकता है कि आपको कौन से विषयों पर नया कंटेंट जोड़ना चाहिए।
Image Optimization (इमेज ऑप्टिमाइजेशन)
- AI Image Analysis: AI इमेज की सामग्री को समझ सकता है और ऑल्ट टेक्स्ट और कैप्शन को ऑटोमेटेड तरीके से जनरेट कर सकता है।
- Image Compression: AI-आधारित इमेज ऑप्टिमाइजेशन टूल्स इमेज साइज को कम करते हैं और लोडिंग स्पीड को बेहतर बनाते हैं।
Voice Search Optimization (वॉइस सर्च ऑप्टिमाइजेशन)
AI-Powered Voice Search: AI वॉइस सर्च क्वेरीज़ को समझने में मदद करता है और आपकी साइट को वॉइस सर्च के लिए ऑप्टिमाइज़ करता है। इसका मतलब है कि आपको अपने कंटेंट में लंबी-लंबी कीवर्ड्स और सवालों को शामिल करना चाहिए जो वॉइस सर्च में पूछे जा सकते हैं।
Structured Data and Schema Markup (स्ट्रक्चर्ड डेटा और स्कीमा मार्कअप)
AI for Schema Markup: AI टूल्स ऑटोमेटेड तरीके से स्कीमा मार्कअप को जनरेट कर सकते हैं, जिससे सर्च इंजन को आपकी साइट की जानकारी समझने में मदद मिलती है।
AI के इन टूल्स और तकनीकों का उपयोग करके आप अपने On-Page SEO को ज्यादा प्रभावी और स्मार्ट तरीके से ऑप्टिमाइज़ कर सकते हैं। ये टेक्नोलॉजीज़ न केवल आपके SEO प्रयासों को बेहतर बनाती हैं बल्कि आपके उपयोगकर्ता अनुभव को भी महत्वपूर्ण रूप से सुधारती हैं।
AI-Powered On-Page SEO Plugins
AI-पावर्ड On-Page SEO टूल्स की सूची में Yoast SEO, Rank Math, और Jetpack जैसे लोकप्रिय प्लगइन्स के AI फीचर्स को भी शामिल किया जा सकता है। ये टूल्स आपके WordPress वेबसाइट के SEO को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आइए इन टूल्स पर नजर डालते हैं:
1. Yoast SEO (AI-Driven Features)
Yoast SEO वर्डप्रेस यूजर्स के लिए एक प्रमुख SEO प्लगइन है। इसके AI-ड्रिवन फीचर्स आपकी कंटेंट को ऑटोमेटिकली एनालाइज करते हैं और SEO के लिए ऑप्टिमाइजेशन सुझाव देते हैं। यह कीवर्ड ऑप्टिमाइजेशन, मेटा टैग जनरेशन, और कंटेंट रीडेबिलिटी को सुधारने में मदद करता है।
प्रमुख फीचर्स:
- AI-ऑटोमेटेड कंटेंट एनालिसिस: कंटेंट में कीवर्ड्स की डेंसिटी, मेटा डिस्क्रिप्शन, और हेडिंग्स की जांच।
- रीडेबिलिटी एनालिसिस: कंटेंट की पठनीयता के सुझाव, जिससे यूजर एक्सपीरियंस बेहतर हो।
- कीवर्ड ऑप्टिमाइजेशन: फोकस कीवर्ड्स का सही स्थान और उपयोग।
2. Rank Math (Content AI Powered Features)
Rank Math SEO एक अन्य वर्डप्रेस प्लगइन है जो आपकी साइट के ऑन-पेज SEO को ऑप्टिमाइज करने के लिए कई AI-ड्रिवन फीचर्स प्रदान करता है। यह प्लगइन आपकी कंटेंट को स्कैन करता है और सर्च इंजन के लिए इसे बेहतर बनाने के सुझाव देता है।
प्रमुख फीचर्स:
- AI-आधारित कंटेंट ऑप्टिमाइजेशन: यह आपकी कंटेंट को सर्च इंजन के लिए ऑप्टिमाइज़ करने में मदद करता है।
- SEO एनालिटिक्स: गूगल सर्च कंसोल से डेटा इंटीग्रेशन और परफॉरमेंस ट्रैकिंग।
- ऑटोमेटेड स्कीमा जनरेशन: स्कीमा मार्कअप जोड़ने के लिए AI का उपयोग करता है, जिससे सर्च इंजन आपकी साइट को बेहतर समझ सके।
3. Jetpack (AI-Assistant)
Jetpack एक ऑल-इन-वन वर्डप्रेस प्लगइन है जो आपकी साइट की सुरक्षा, परफॉरमेंस, और SEO को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसके AI-पावर्ड SEO फीचर्स आपकी साइट को ऑप्टिमाइज रखने के लिए विभिन्न टूल्स और सुझाव प्रदान करते हैं।
प्रमुख फीचर्स:
- AI-ड्रिवन कंटेंट ऑप्टिमाइजेशन: Jetpack का AI आपकी कंटेंट के लिए SEO सुझाव देता है।
- साइट स्पीड ऑप्टिमाइजेशन: वेबसाइट की लोडिंग स्पीड बढ़ाने के लिए इमेज ऑप्टिमाइजेशन और CDN इंटीग्रेशन।
- SEO टूल्स: मेटा टैग्स और SEO सेटिंग्स को कस्टमाइज़ करने के लिए आसान इंटरफेस।
इन टूल्स का उपयोग करके आप अपनी वेबसाइट के On-Page SEO को और भी प्रभावी बना सकते हैं। Yoast SEO, Rank Math, Jetpack, और All in One SEO जैसे टूल्स AI का उपयोग करके आपकी साइट के SEO एलिमेंट्स को ऑटोमेटिकली ऑप्टिमाइज करने में मदद करते हैं, जिससे सर्च इंजन रैंकिंग में सुधार होता है।
AI-Powered On-Page SEO Tools
1. Clearscope
Clearscope एक कंटेंट ऑप्टिमाइजेशन टूल है जो आपको टॉपिक मॉडलिंग और कीवर्ड्स पर आधारित सुझाव देता है। यह टूल गूगल की सर्च रिजल्ट्स का विश्लेषण करता है और आपको बताएगा कि किन कीवर्ड्स और विषयों को अपने कंटेंट में शामिल करना चाहिए।
प्रमुख फीचर्स: LSI कीवर्ड्स सुझाव, कंटेंट स्कोरिंग, और प्रतियोगी एनालिसिस।
2. Surfer SEO
Surfer SEO ऑन-पेज SEO को एनालाइज करता है और सर्च इंजन रिजल्ट्स पेज (SERP) के अनुसार आपके पेज को ऑप्टिमाइज़ करने के लिए डेटा-संचालित सुझाव देता है। यह AI का उपयोग करके आपकी साइट की SEO हेल्थ को बेहतर बनाने के तरीके सुझाता है।
प्रमुख फीचर्स: SERP एनालिसिस, कीवर्ड रिसर्च, कंटेंट एडिटर, और ऑन-पेज ऑडिट्स।
3. MarketMuse
MarketMuse AI का उपयोग करके कंटेंट की क्वालिटी और कंटेंट गैप्स को पहचानता है। यह टूल कंटेंट प्लानिंग और ऑप्टिमाइजेशन में मदद करता है, जिससे आपकी साइट की सर्च इंजन पर रैंकिंग बेहतर होती है।
प्रमुख फीचर्स: कंटेंट रिसर्च, कीवर्ड एनालिसिस, और टॉपिक मॉडलिंग।
4. Frase
Frase AI-पावर्ड टूल है जो कंटेंट के लिए सवालों और कीवर्ड्स को एनालाइज करता है और फिर यूजर की क्वेरीज़ के जवाब देने के लिए ऑप्टिमाइज्ड कंटेंट तैयार करता है। यह वॉइस सर्च ऑप्टिमाइजेशन के लिए भी उपयोगी है।
प्रमुख फीचर्स: कंटेंट समरीज़, सवाल-जवाब फॉर्मेट, और SEO एनालिसिस।
5. PageOptimizer Pro
PageOptimizer Pro AI का उपयोग करके गूगल की रैंकिंग फैक्टर्स का एनालिसिस करता है और आपको बताएगा कि आपके पेज को कैसे ऑप्टिमाइज़ किया जा सकता है। यह SEO ऑप्टिमाइजेशन के लिए सरल और प्रभावी सुझाव देता है।
प्रमुख फीचर्स: कीवर्ड ऑप्टिमाइजेशन, मेटा टैग ऑप्टिमाइजेशन, और ऑन-पेज ऑडिट्स।
6. RankScience
RankScience एक AI-पावर्ड SEO A/B टेस्टिंग प्लेटफ़ॉर्म है जो आपकी साइट के SEO परफॉरमेंस को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न बदलावों का टेस्ट करता है। यह टूल ऑटोमेटेड तरीके से बदलाव करता है और उनके प्रभाव को मॉनिटर करता है।
प्रमुख फीचर्स: SEO A/B टेस्टिंग, कंटेंट ऑप्टिमाइजेशन, और एनालिटिक्स।
7. BrightEdge
BrightEdge AI का उपयोग करके आपकी वेबसाइट के सभी SEO एलीमेंट्स को एनालाइज करता है। यह टूल सर्च इंजन ट्रेंड्स और यूजर बिहेवियर पर आधारित सुझाव देता है, जिससे आपकी साइट की सर्च इंजन रैंकिंग बेहतर हो सके।
प्रमुख फीचर्स: डेटा ड्रिवन SEO, कंटेंट परफॉरमेंस एनालिसिस, और सर्च ट्रेंड्स एनालिसिस।
8. NeuralText
NeuralText कंटेंट आइडिया जनरेशन, SEO ऑप्टिमाइजेशन, और कीवर्ड रिसर्च के लिए AI का उपयोग करता है। यह टूल आपकी कंटेंट रणनीति को मजबूत बनाने में मदद करता है।
प्रमुख फीचर्स: कीवर्ड रिसर्च, कंटेंट ब्रिफ़ जनरेशन, और ऑन-पेज SEO एनालिसिस।
9. SEMrush Writing Assistant
SEMrush Writing Assistant आपके कंटेंट की SEO क्वालिटी को बेहतर बनाने के लिए रियल-टाइम सुझाव देता है। यह टूल गूगल की रैंकिंग फैक्टर्स को ध्यान में रखकर कंटेंट को ऑप्टिमाइज करने में मदद करता है।
प्रमुख फीचर्स: रियल-टाइम कंटेंट एनालिसिस, कीवर्ड ऑप्टिमाइजेशन, और SEO फ्रेंडली कंटेंट सुझाव।
10. WordLift
WordLift AI का उपयोग करके आपकी साइट पर स्कीमा मार्कअप जोड़ता है, जिससे सर्च इंजन को आपकी साइट की जानकारी समझने में मदद मिलती है। यह टूल आपकी साइट की विजिबिलिटी को बढ़ाने में मदद करता है।
प्रमुख फीचर्स: ऑटोमेटेड स्कीमा मार्कअप, सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन, और सर्च विजिबिलिटी एनहांसमेंट।
निष्कर्ष
2024 में On-Page SEO की सफलता AI-पावर्ड टूल्स और सही रणनीतियों पर निर्भर करती है। Google के एल्गोरिदम के निरंतर विकास के साथ, यह आवश्यक हो गया है कि हम समय-समय पर अपनी वेबसाइट के SEO को अपडेट रखें। AI-पावर्ड टूल्स जैसे Yoast SEO, Rank Math, Jetpack, और All in One SEO इस प्रक्रिया को आसान बनाते हैं, जिससे आप अपनी कंटेंट को सर्च इंजन के लिए ऑप्टिमाइज कर सकते हैं और बेहतर रैंकिंग हासिल कर सकते हैं।
इन टूल्स की मदद से आप अपनी वेबसाइट के सभी On-Page SEO एलिमेंट्स को आसानी से प्रबंधित कर सकते हैं, चाहे वह कीवर्ड ऑप्टिमाइजेशन हो, कंटेंट एनालिसिस हो, या साइट स्पीड ऑप्टिमाइजेशन। अंततः, एक अच्छी तरह से ऑप्टिमाइज्ड वेबसाइट न केवल सर्च इंजन रैंकिंग में सुधार करती है, बल्कि उपयोगकर्ताओं के लिए भी एक बेहतरीन अनुभव प्रदान करती है।
On-Page SEO को सही तरीके से लागू करके और AI-पावर्ड टूल्स का उपयोग करके, आप 2024 में अपनी वेबसाइट की सफलता को सुनिश्चित कर सकते हैं। SEO की इस दुनिया में निरंतर सीखना और अपग्रेड करना ही सफलता की कुंजी है।
अपनी SEO रणनीति को अगले स्तर पर ले जाने के लिए इन सुझावों का पालन करें और सफलता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाएं।
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