[2023] On Page SEO हिंदी गाइड | On Page SEO कैसे करें ?

ON PAGE SEO GUIDE HINDI NITISH VERMA

ऑन पेज SEO बेसिक गाइड: जैसा की आप जाते हैं आज के मार्केट में बहुत कॉम्पिटिशन है और ये लेवल बदलता ही जा रहा है। इसमे आपकी मदद करता है आप अपनी ऑनलाइन उपस्थिति कैसी रखते हैं।

इसे लिए आपको जरूर होती है अपनी वेबसाइट को अप टू डेट रखने की और उसकी विजिबिलिटी बढ़ाने की। ऐसे में ऑन पेज एसईओ किसी भी वेबसाइट या ब्लॉग के लिए बहुत जरूरी है।

पिछले कुछ सालों में एसईओ के नियम में बहुत बदलाव आए हैं। क्यूंकी गूगल अब इस बात पर फोकस करता है की वो अपने यूजर्स को बेस्ट और रेलेवेंट रिजल्ट शो कर सके। गूगल सर्च रिजल्ट्स में अब स्टैंडर्ड पेज को शो करता है।

अब हमें रैंकिंग एल्गोरिदम को समझ के काम करना होगा जिसमें हमिंगबर्ड, पांडा, रैंकब्रेन आदि शामिल हैं। गूगल अब स्मार्ट हो रहा है और आपके on Page की रणनीति को भी होना चाहिए।

इस पोस्ट में आप जनेंगे ऑन पेज एसईओ के बेसिक रूल्स। On Page SEO हिंदी गाइड 2022 में आपको हम नवीनतम रणनीति बताएंगे।

On Page SEO Kya Hai?

ऑन पेज एसईओ एक प्रैक्टिस है, अपने वेबपेज को ऑप्टिमाइज करके सर्च इंजन में हायर रैंक और ऑर्गेनिक ट्रैफिक प्राप्त करने के लिए। ऑन पेज एसईओ में किसी पेज के कंटेंट और एचटीएमएल कोड दोनों को ऑप्टिमाइज्ड करते हैं।

अगर आप गूगल में टाइप करें “ऑन पेज एसईओ” तो आपको इसके बारे में कई टॉप रिजल्ट्स मिल जाएंगे।

यहाँ मैं आपको बताता हूं कि आपका लेख यूजर्स की क्वेरी को हल करने वाला हो, आपको ऐसा user friendly article के बारे में सोचना होगा। तभी आपका एसईओ अच्छे से लागू होगा।

अगर आप अपने ब्लॉग या वेबसाइट पर कोई पेज या पोस्ट कर रहे हैं। आप चाहते हैं गूगल इसे पसंद करे तो चेक करने के लिए हम ऑन पेज एसईओ चेकलिस्ट आपके साथ शेयर कर रहे हैं। यहाँ से आप पता कर सकते हैं कि आपको अपने आर्टिकल्स में और क्या सुधार करने हैं।

On Page SEO Basic Guide : ऑन पेज SEO कैसे करें ?

Meta Tags

अगर आप on page SEO करते हैं, तो सबसे पहले जिस तरह से होता है वो है टैग। Tags SEO के लिए अब उतने उपयोगी नहीं रहे जितना वो पहले हुआ करते थे। लेकिन आपने टैग का उपयोग अपने लेख में किया तो आपके ट्रैफिक में जरूर सुधार होगी।

मेटा टैग search में आपके पेज के बारे जानकारी प्रदान करें करने के लिए होता है। सर्च इंजन में हायर रैंक के लिए आपको अपने पेज से संबंधित मेटा टैग्स का उपयोग करना होता है।

साथ ही आप कस्टम मेटा टैग्स का इस्तेमाल करने वाले को आकर्षित कर सकते हैं, जिस आपके पेज पर यूजर्स के क्लिक करने के चांस बढ़ जाते हैं।

Title Tags

आपके पेज में काई सारे टैग्स हो सकते हैं। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण है Title Tags (शीर्षक टैग)। टाइटल वो है यूजर को सर्च इंजन में ऑर्गेनिक या पेड सर्च रिजल्ट में शो होता है। ये टाइटल आपके ब्राउजर के टैब में टॉप पर शो होता है।

टाइटल टैग आपके पेज के बारे में बताता है। जब कोई पेज विशेष प्रश्न या कीवर्ड के लिए गूगल रैंक करता है तो वो सबसे पहले आपके टाइटल को टैग को देखता है फिर हमें पेज में अन्य कंटेंट के साथ तुलना करता है।

याद आप एचटीएमएल में काम करते हैं, तो आपको टाइटल टैग कुछ इस तरह शो होता है।

<title>On-Page SEO Kya Hai</title>

वैसा योस्ट द्वार वर्डप्रेस एसईओ प्लगइन से आप कस्टम टाइटल टैग कर सकते हैं। अपना टाइटल टैग को descriptive और छोटा रखें। गूगल ने हाल में ही पेज टाइटल के कैरेक्टर की लिमिट को बढ़ा कर 70 कैरेक्टर कर दिया है।

सबसे अच्छा तो ये रहेगा की 70 कैरेक्टर लिमिट से काम का ही टाइटल लिखें, ताकी सर्च इंजन रिजल्ट्स में आपका आपका टाइटल क्लियर शो हो। आपका टाइटल और मेटा विवरण कैसा शो होगा इसके लिए स्निपेट ऑप्टिमाइज़र का उपयोग कर सकते हैं।

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यहाँ मैं आपको सलाह दूंगा की टाइटल और मेटा डिस्क्रिप्शन में में कोर कीवर्ड का उपयोग करें। गूगल अब अपने परिणाम में relevance और semantics को अधिक प्राथमिकता दे रहा है। पहले एक समय था जब यूजर्स आंख बंद करके सर्च रिजल्ट्स के पहले लिंक पर क्लिक करते थे ।

पर अब अपने प्रश्न के सर्वश्रेष्ठ उत्तर के लिए वो  title और description को भी पढ़ रहे हैं।

Meta Descriptions

मेटा डिस्क्रिप्शन से यूजर्स को ये पता चलता है कि आपका पेज किस बारे में है। वैसे तो ये सीधे रैंकिंग फैक्टर्स को प्रभावित नहीं करता है। लेकिन मेटा डिस्क्रिप्शन से आपके सर्च इंजन को ये पता लगता है कि आपका टॉपिक किस बारे में है। और वो यूजर्स के लिए रेलेवेंट रिजल्ट्स दिखा सकें।

एक अच्छी तरह से लिखा गया मेटा डिस्क्रिप्शन को सर्च रिजल्ट्स में आपको बहुत अच्छा दे सकता है। जो सर्च रिजल्ट्स में आपके पोस्ट की क्लिक थ्रू रेट (CTR) और कन्वर्जन को बढ़ता है।

वैसा कई बार इस बात की भी संभावना होती है की गूगल कस्टम विवरण को छोड़ दे और पोस्ट में मौजूदकंटेंट का कोई भाग शो करा दे। इसिलिए मैं सिफारिश करुंगा अपने सभी पेज के लिए मेटा डिस्क्रिप्शन फिल कर करें।

इससे पहले गूगल ने डेस्कटॉप और मोबाइल के लिए डिस्क्रिप्शन की लंबाई बढ़ाई थी। डेस्कटॉप में यूजर्स 200 कैरेक्टर तक और मोबाइल में 172 कैरेक्टर तक के डिस्क्रिप्शन देख पाएंगे। दोनों डिवाइसेज पर यूजर्स को परफेक्ट डिस्क्रिप्शन शो हो इसके लिए आप 165 से 175 कैरेक्टर का डिस्क्रिप्शन रखे।

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मेटा डिस्क्रिप्शन में मैं स्पष्ट रूप से उल्लेख करता हूं कि करें के यूजर्स के इस पेज पर क्या मिलना वाला है। आप एक दो कीवर्ड का उपयोग कर सकते हैं या उससे जुड़े समान अर्थ वाले शब्द का भी उपयोग कर सकते हैं। अपना ब्रांड नाम भी उल्लेख करें। ऊपर आप इमेज में देख सकते हैं।

यहाँ मेरे कहने का साफ मतलब ये है कि आप सोचिए आप मेटा डिस्क्रिप्शन एक ऑर्गेनिक टेक्स्ट एड है। और ठीक उसी तरह से ऐसा डिस्क्रिप्शन दें जिनसे यूजर्स क्लिक करने के लिए मजबूर हो जाएं।

आप ये भी देखेंगे की कुछ वेबसाइट उपयोगकर्ताओं को अपने साइट तक पहुंचने के लिए कई साइट लिंक खोज परिणाम मुझे दिखाता है।

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अपने साइट पर अच्छी ट्रैफिक लेने की शुरुआत आपके टाइटल और मेटा डिस्क्रिप्शन से शुरू होती है। बाद में आपकी साइट के कंटेंट की गुणवत्ता पर निर्भर करता है उपयोगकर्ता आपकी साइट पर कितनी देर रुकेगा।

Heading Tags

आपके लैंडिंग पेज या ब्लॉग में H1 से लेकर H6 तक काई हेडिंग टैग्स शमील होने चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण ये है की H1 आपको किसी भी पेज में बस एक बार इस्तेमाल करना है। उसके बाद एच2, एच3 से लेकर एच6 तक उपयोग कर सकते हैं।

क्यूंकी उपयोगकर्ता पेज को नीचे स्क्रॉल करते हैं और इनका उपयोग subheading के लिए करते हैं।

पेज के अलग-अलग सेक्शन के लिए आप सब-हेडिंग का इस्तेमाल करें। ये एसईओ के लिए भी अच्छा है और यूजर्स को आपके आर्टिकल्स को समझने में मदद मिलती है।

SEO Factors 

अगर हम एसईओ फैक्टर्स की बात करें तो जब आप किसी पेज का टाइटल रखते हैं, तो इस बात का ध्यान रखें की जो हेडिंग टैग्स हैं वो पेज के टाइटल से संबंधित होना चाहिए। ऐसा नहीं की शीर्षक कुछ और हो और लेख किसी अन्य विषय पर हो।

क्यूंकी सर्च इंजन का जो एल्गोरिदम है वो टाइटल के साथ पेज के हेडिंग को भी चेक करता है। जिससे उसे पता लगता है ये पेज टाइटल के हिसाब से कितना प्रासंगिक है।

पेज का प्राइमरी कीवर्ड आपके H1 टैग में शमील होना चाहिए। पेज पे H1 टैग जरुर दें, जो गूगल और आपके विज़िटर दोनो को टॉपिक को समझने में मदद करता है। अगर वर्डप्रेस की बात करें तो स्वचालित रूप से ब्लॉग पोस्ट के टाइटल को एच1 में कन्वर्ट कर देता है।

आगर हम हेडिंग की बात करें तो एक बात का ख्याल जरूर रखें की अनावश्यक कीवर्ड्स ना डाले। जिसे कीवर्ड स्टफिंग भी कहते हैं। ये सर्च रिजल्ट्स में बुरा इफेक्ट डालता है।

वही सेम H1 टैग का प्रयोग अन्य पेज पर प्रयोग ना करें। इसे भी एसईओ पर बुरा प्रभाव आ सकता है, क्योंकि गूगल कन्फ्यूज हो जाएगा की सामान हेडिंग वाले कौन से पेज को रैंक करना है।

वर्डप्रेस का योस्ट प्लगइन आपको ये बताता है, की आपका पेज कितना मजबूत है। साथ ही ये आपको गाइड भी करता है की आपको पेज पर एसईओ की नज़र से क्या क्या चेंज करना है। साथ ही ये आपके पेज की पेज टाइटल, मेटा डिस्क्रिप्शन, हेडिंग, इमेज, कंटेंट के बारे में भी आपको मदद करता है।

Usability Factors

लैंडिंग पेज और ब्लॉग्स के लिए ये ध्यान रखें की यूजर्स आपके पोस्ट को पूरा नहीं पढ़ते हैं। वो जल्दी से आपके पेज स्कैन और ब्राउज़ करते हैं। वो कई बार ऐसे सेक्शन को सर्च करते हैं जिनसे उनको जल्दी जवाब मिल जाए।

हेडिंग और सब-हेडिंग पेज को स्प्लिट करती है, जिससे प्रेजेंटेशन बहुत साफ हो जाती है।

Sub-headings यूजर्स को पेज को नेविगेट करने में मदद करता है। अगर आप में कई विषयों को कवर कर रहे हैं तो H2 का उपयोग करें। अगर आप सब हेडिंग के और भी कोई अन्य टॉपिक बता रहे हैं H3 या H4 का प्रयोग कर सकते हैं।

टाइटल लिखते समय अपने विज़िटर्स को ध्यान में रखें की वे क्या खोज करते हैं। आप उसी तरह से अपनी हेडिंग को लिखिए।

अच्छा URL Strings बनाएं

अगर यूआरएल स्ट्रिंग लिखने की बात करें तो इसे short, concise और आसानी से पढ़ने योग्य होना चाहिए। आइये जानते हैं एक अच्छा यूआरएल स्ट्रिंग कैसे बनाएं?

यूआरएल की लंबाई को विश्लेषण करते समय Ahrefs ने पाया को शॉर्ट यूआरएल अच्छा रैंक करता है। स्टडी में यूआरएल की लेंथ और कई फोल्डर्स को देखा गया। उन्होंने सभी रूट डोमेन को एक फोल्डर के रूप में काउंट किया, और रूट के बाद प्रत्येक back slash को दूसरे फोल्डर के रूप में काउंट किया। कुछ इस तरह से ।

http://abcdxyz.com (Folders = 1)
http://abcdxyz/folder1 (Folders = 2)
http://abcdxyz/folder1/folder2 (Folders = 3)

रिज़ल्ट्स में पाया गया की कम फोल्डर वाले यूआरएल सर्च इंजन में बेहतर रैंक के साथ और भी बेहतर हो गए।

जिस तरह से हम यूआरएल लिखते हैं वो एक एसईओ प्रथा है जिसपर आपको विचार करना चाहिए। आपके यूआरएल के प्रत्येक शब्द को एक हाइफन (-) से अलग किया जाना चाहिए, अंडरस्कोर (_) का इस्तेमाल बिलकुल न करें।

अगर आपके पास एक ही टाइप के कंटेंट वाले 2 पेज हों तो 301 रीडायरेक्ट या कैनोनिकलाइजेशन टैग (rel=canonical) सेट अप करें जो सबसे मजबूत पेज हो। ये डुप्लीकेट कंटेंट से बचाता है साथ ही गूगल को बताता है की किस पेज को रैंक करना है।

अपना यूआरएल हमेशा शॉर्ट में बनाएं। ये आपके यूजर्स को आपका पेज याद रखने में मदद करता है। यूआरएल में प्राइमरी कीवर्ड का उपयोग जरूर करें। अप्राकृतिक कीवर्ड जबर्दस्ती URL में ना डालें। यूआरएल को 5 शब्द में बनाना का प्रयास करें। जो आपके टॉपिक के प्रासंगिक हो।

User-Friendly, Authoritative Content लिखें

गूगल जैसा ही आपके पेज क्रॉल करता है, वो यूजर्स की क्वेरीज को ध्यान में रखता है। इसलिए आपका कंटेंट क्लियर होना चाहिए। आप जिस भी सर्विस या प्रोडक्ट के बारे में लिख रहे हैं। या फिर आप किसी टॉपिक पर ब्लॉग लिख रहे हैं।

आप भी जानते हैं आज के टाइम में इंटरनेट कंटेंट से भरा हुआ है। इसलिए आज ये बहुत जरूरी है की आपका कंटेंट बहुत ही यूनिक और रेलेवेंट हो। SEO और कंटेंट मार्केटिंग की दुनिया में जो सबसे एहम बात आपको सुनने को मिली है वो है “कंटेंट इज किंग”।

सच कहूं तो एसईओ और कंटेंट मार्केटिंग एक दूसरे को ओवरलैप करते हैं। ये एक दूसरे के पुरक हैं। कंटेंट में प्रयोग किए गए वर्ड या केवर्ड्स को लोग सर्च इंजन में प्रयोग करते हैं। हम उन्हीं कीवर्ड्स को टारगेट करके कंटेंट लिखते हैं और उसका एसईओ करते हैं।

आप पोस्ट लिखते हैं तो conversation के तरीके में लिखें। मतलब आप अपने यूजर्स के साथ बात कर रहे हैं। जैसे अभी मैं आपके साथ कर रहा हूँ।

तो आप कंटेंट थोड़ा मनोरंजक तरीके से लोगों तक पहुंचेगा। क्योंकि आपको ऐसा नहीं पता होता है कि यूजर्स आपके पोस्ट को पढ़ कर बोर होकर आपकी साइट से बाहर निकल गया है।

जब आप बेस्ट कंटेंट क्रिएट करते है तो, वो आपके फील्ड में आपके एक्सपर्टाइज को दर्शाती है। फिर आपके विजिटर्स आपसे और अच्छे से जुड़ता है। वो और भी पोस्ट को पढ़ने के लिए आकर्षित होता है।

ऑन पेज SEO इम्प्रूव करने के लिए और अपने वेबसाइट पर ट्रैफिक बढ़ाने के लिए इस बात का भी ख्याल रखें। जो आप लिख रहे हैं वो अच्छे से लिखे हैं मतलब कोशिश ये होनी चाहिए की grammatically या spelling mistakes न हों।

Google Algorithm और उनके अपडेट की जानकारी रखें

Google एल्गोरिथम से अवगत रहें। स्पैमी, कीवर्ड स्टफ्ड, और thin content के साथ उच्च रैंक पाने वाले वेबसाइट को गूगल ने फरवरी 2011 में पांडा अपडेट के द्वारा हटा दिया। यदि आपके पास अभी भी कम गुणवत्ता वाले या thin content वाले पेज हैं तो शायद गूगल पर नहीं मिलेंगे। या उनकी रैंकिंग बहुत कम होगी।

पांडा एक कोर रैंकिंग सिग्नल है। यदि आपके पोस्ट से आपके विज़िटर की मदद हो रही है तो आप पाएंगे की आपके पेज की रैंकिंग भी अच्छी हो रही है। कहने का मतलब आपने सब कुछ कर लिया पर वो कंटेंट आपके यूजर्स की कितनी मदद कर रहा है, ये भी जरुरी फैक्टर है।

जैसे जैसे हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस युग में प्रवेश कर रहे हैं, एसईओ के और मार्केटर्स रैंक ब्रेन के इफेक्ट का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। मशीन लर्निंग सिस्टम को 2015 के आस पास लागू किया गया था।

Search Engine Land के मुताबिक Rank Brain Humming Bird algorithm का ही एक पार्ट है। जिसमें आपको इसपे फोकस करना है की आप टाइम टू टाइम पोस्ट को अपडेट करें और नेचुरल लैंग्वेज में पोस्ट को लिखें। Rank Brain के तेहत रैंक करने का ये सबसे अच्छा ट्रिक है।

Search Engine land का लेखक डैनी सुलिवन अपने लेख में बताते है की Rank Brain का उपयोग उन सर्चेस के लिए किया जाता है, जिन्हें लोग सर्च तो कर रहे हैं लेकिन संभवत: उन से जुड़ा शब्द नहीं मिल पाया है।

Questions को कैसे रैंक किया जाए इसके लिए रैंक ब्रेन को रखा गया है। हर एक क्वेरी आपके सर्च रिजल्ट्स में रैंकिंग को प्रभावित करते हैं। इसलिए रैंकिंग सिग्नल के हिसाब से अपना कंटेंट ऑप्टिमाइज करें।

सबसे अच्छा तरीका ये होगा की यूजर्स के प्रश्न को कम से कम समय में जवाब करें। गूगल अब यूजर्स के हिसाब से अपने सर्च को दिखाने की कोशिश कर रहा है। क्यूंकी आप भी जानते हैं अब सर्च वॉयस में और लोकल लैंग्वेजेज में भी होती हैं।

Longtail Keyword queries को अच्छे से देखें और अपने कंटेंट को एक कन्वर्सेशनल आइटम्स के रूप में प्रेजेंट करें। कीवर्ड आपके पेज पर एसईओ में एक एहम भूमिका निभाते हैं। Google सबसे अच्छा यूजर्स अनुभव देने के लिए शब्दार्थो (semantics) का अधिक से अधिक उपयोग कर रहा है।

Keyword Targeted Content बनाएं

जब आप user friendly और authoritative content लिख रहे हैं तो कीवर्ड को हमेशा ध्यान में रखें। लेकिन किसी कीवर्ड को लक्ष्य करना क्यों इतना महत्वपूर्ण है? जितना अधिक आप कीवर्ड को समझेंगे आपकी मार्केटिंग रणनीति उतनी ही सही बनेगी।

अपने पेज पर एसईओ का लाभ उठाने के लिए ये जरुरी है की आप कीवर्ड रिसर्च करें। सर्च वॉल्यूम को देखने के लिए आप गूगल ऐडवर्ड्स का इस्तेमाल कर सकते हैं, और अपने प्रतियोगियों को विश्लेषण करने के लिए SEMRush का इस्तेमाल कर सकते हैं।

आप एक कंटेंट मार्केटिंग की तरह से कीवर्ड्स को टारगेट करें।

कीवर्ड्स के टाइप के बारे में सोचिए जो आपकी कंपनी या ब्लॉग को बेस्ट रिजल्ट्स दिला सकती है।

  • Informational Keywords: On Page SEO में टर्म आता है जब कोई यूजर किसी विषय पर जानकारी चाहता है।
  • Transactional Keywords: ऐसा कीवर्ड किसी प्रोडक्ट या सर्विस को खरीदने के लिए उपयोग किए जाते हैं। जिसमें आप “टॉप”, “बेस्ट” और कई लॉन्ग टेल कीवर्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • Location-Based Keywords: जब यूजर स्थानीय व्यवसाय के लिए physical address को खोजते हैं तो ऐसा होता है कीवर्ड का उपयोग होता है।

किसी विशेष क्वेरी के लिखे गए कीवर्ड की प्रासंगिकता के लिए Google LSI keywords या हमारे समानार्थ वाले कीवर्ड को खोज करता है। LSI stands for Latent Semantic Indexing.

जब आप कोई लंबा लेख लिख रहे हैं तो हमें LSI keywords का उपयोग कर सकते हैं। Latent semantic indexing में Google कीवर्ड के phrase और हमारे शब्द के आधार पर साइट सॉर्ट करता है।

Internal Links और Outbound Links बनाएं

लिंक्स आपके एसईओ में अधिक वजन लेकर आते हैं। अच्छे क्वालिटी की वेबसाइट से लिंक मिलने पर आपके डोमेन की अथॉरिटी बड़ी होती है। इसके साथ ही इंटरनल लिंकिंग आपके यूजर को अच्छा एक्सपीरियंस देता है, साथ ही ये एसईओ के लिए भी अच्छा होता है।

अच्छे क्वालिटी वाले बैकलिंक्स प्राप्त करना ऑफ पेज एसईओ का पार्ट है। वैसे आप अपने पेज में दूसरे पेज, सर्विसेज या प्रोडक्ट की इंटरनल लिंकिंग बनाते हैं तो साइट की क्रॉलबिलिटी बढ़ जाती है और गूगल में आपकी रैंकिंग के चांस बढ़ जाते हैं।

इंटरनल लिंक्स आपके साइट पर यूजर्स को जुड़े रहने में मदद करता है। आप टॉपिक से जुड़े रीलेवेंट पेज की इंटरनल लिंकिंग जरूर करें। सभी वाक्यों में इंटरनल लिंक ऐड ना करें। इंटरनल लिंकिंग आपके एसईओ को मजबूर करता है।

Optimize Your Images

अगर आप अपने पेज में इमेज को जोड़ें रहे हैं तो ये आपके यूजर्स को अच्छा अनुभव देता है। हमेशा आपने इमेज को ऑप्टिमाइज़ करके अपलोड करें। साथ ही इमेज में टाइटल और डिस्क्रिप्शन का प्रयोग इमेज की एसईओ को मजबूत करता है। आप इमेज में भी टार्गेटेड कीवर्ड का उपयोग कर सकते हैं।

इमेज में हमेशा ऑल्ट टैग का प्रयोग करें ये गूगल को समझने में मदद करता है की इमेज किस बारे में है।

ऐसा ना करें की आप इमेज हाथी की डालिए और टैग में घोडा का उपयोग करें।

On-Page-Image-SEO

अब जरा ये सोचिए अगर यूजर स्लो इंटरनेट स्पीड आपके पेज को ओपन कर रहा है, और साइट पर इमेज लोड नहीं हुई। तो ऐसे में यूजर क्या देखेंगे। वहां उसी इमेज दिया हुआ Alt – tag शो करेगा। अपनी इमेज में कीवर्ड्स की स्टफिंग ना करें। जिसके बारे में मैं छवि है वही उल्लेख करें।

Yoast SEO के मुताबिक image उसी के बारे में हो जिस बारे में पोस्ट लिखी जा रही है। इमेज आपके पेज पर बहुत बड़ी भूमिका निभाती है। इमेज को हमेशा ऑप्टिमाइज़ करके सही स्केल के साथ प्रयोग करें। इमेज का साइज जितना बड़ा होगा वो लोड होने में उतना ही समय लगेगा।

Mobile Responsive Website 

आपकी वेबसाइट या ब्लॉग mobile responsive होना चाहिए। ताकी यूजर्स किसी भी डिवाइस या स्क्रीन आकार के लिए इसे एक्सेस कर सके। जो SEO में Google रैंकिंग के लिए ये अब महत्वपूर्ण कारक बन गया है।

आपको ये बात अब ध्यान में रखनी होगी की एक बहुत बड़ा यूजर बेस आपको मोबाइल पर ब्राउज़ कर रहा है। ऐसे में वेबसाइट का मोबाइल फ्रेंडली बहुत जरुरी है। गूगल बॉट आपके पेज को कैसा देख रहा है, ये जानने के लिए आप मोबाइल फ्रेंडली टेस्ट टूल का इस्तेमाल कर सकते हैं।

आप एक्सेलेरेटेड मोबाइल पेज (एएमपी) का प्रयोग कर सकते हैं। ये न्यूज़ वेबसाइट और ब्लॉग्स के लिए बहुत अच्छा है। AMP से पेज मोबाइल फ्रेंडली होने के साथ ब्राउज़र पर फास्ट लोड होगा।

Site Speed

आज टेक्नोलॉजी की दुनिया में स्पीड बहुत जरूरी है। कोई भी अब इंतजार नहीं करना चाहता है। ऐसे में जरुरी है की आपकी वेबसाइट की स्पीड भी फास्ट हो। अगर आपकी वेबसाइट यूजर के ब्राउजर पर फास्ट लोड नहीं हो रहा है तो यूजर को बहुत बुरा अनुभव देता है।

प्रो ब्लॉगर्स ऐसा मानते है की अगर आपकी वेबसाइट 3 सेकंड में लोड नहीं होती है, तो यूजर्स ऐसी साइट को छोड़ कर सकते हैं। साथ ही स्लो स्पीड आपके वेबसाइट को गूगल में रैंक होने से भी रोकती है।

इसलिये हमेशा अपनी साइट को ऑप्टिमाइज़ करें। ये देखें कि किन कारणों से आपकी साइट की स्पीड स्लो हो रही है। वेबसाइट की स्पीड बढ़ाने के लिए आप इन फैक्टर्स को चेक कर सकते हैं।

  • Leverage Browser Caching
  • Optimize Plugins & Images
  • GZIP Compressionप्रयोग करें Faster Hosting को अपनाएं
  • Clean Up HTML & CSS Coding
  • Ads कम रखें
  • Redirects को कम करें

वैसे एक स्टडी में ये पाया गया की आपकी साइट का टोटल 50% से 60% स्पीड आपकी इमेज की वजह से बढ़ता है। तो ये जरुरी है की आप इमेज की साइज को काम करके अपलोड करें।

यहाँ मैं आपको कुछ टूल्स के बारे में बता रहा हूं। जो आपकी साइट की स्पीड को चेक करते हैं, और आपको ये भी बताते हैं कि किस वजह से साइट स्लो हो रही है, और आपको क्या ठीक करना चाहिए।

  • Page Speed Insights
  • GTMetrix
  • Pingdom Website Speed Test
  • Mobile Website Speed Testing Tool

On page Seo में साइट की स्पीड भी महत्वपूर्ण है। साथ ही ये यूजर्स को भी अच्छा अनुभव देती है। आपकी रैंकिंग भी अच्छी होती है।

अंतिम परिणाम:

अपने वेबसाइट के पेज को अच्छे से चेक करें। और उन्हें यूजर फ्रेंडली बनाएं। अपने साइट के इन पहलुओं पर अच्छे से ध्यान दें। जो आपकी रैंकिंग और ट्रैफिक दोनों अच्छा करता है।

  • Relevance
  • Quality Content
  • Properly Written Meta Tags
  • Links
  • Marked Up Structured Data

ये सुनिश्चित करें की आप गूगल को सही सिग्नल दे रहे हैं। Custom meta tags, title tags, headings, और quality content पर फोकस करें।

गूगल सर्च कंसोल की हेल्प से अपने साइट का रेगुलर चेक करें। किसी भी तरह के त्रुटि को जल्दी ठीक करने की कोशिस करें। साथ ही गूगल वेबमास्टर और गूगल एनालिटिक्स से अपने साइट का परफॉर्मेंस देखें।

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6 Comments

  1. Hi NItish

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